ट्रांसपोर्टरों ने कहा- आवाजाही में अब भी आ रही है दिक्कतें, सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह

Friday, May 08, 2020 - 10:48 AM (IST)

नई दिल्लीः ट्रक ऑपरेटरों ने कहा है कि सरकार द्वारा परिचालन की अनुमति मिलने के बावजूद उन्हें अब भी कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टरों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि बेशक सरकार ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान परिचालन की अनुमति दे दी लेकिन अंतर-राज्य सीमा चौकियों पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। 

एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरन सिंह अटवाल ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सिर्फ ट्रकों को अनुमति देना काफी नहीं है। हमें सीमा चौकियों पर परेशान करने और वसूली करने की काफी शिकायतें मिल रही हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि माल और आवश्यक सामान की ढुलाई करने वाले वाहनों को बाधारहित आवाजाही की सुविधा सुनिश्चित की जाए।'' उन्होंने ट्रांसपोर्टरों के लिए राहत पैकेज की भी मांग की। 

अटवाल ने कहा कि पैकेज की घोषणा में देरी से ट्रांसपोर्टरों में बेचैनी है। उन्होंने बताया कि बंगाल-असम सीमा पर सड़क के दोनों ओर ट्रकों की दस किलोमीटर लंबी कतारें लगी हैं। इन ट्रकों को जांच के नाम पर रोका गया है। उन्होंने कहा कि इन ट्रकों के चालकों और सहायकों को खाने-पीने की परेशानी हो रही है। एआईएमटीसी ट्रांसपोर्टरों का शीर्ष संगठन है। यह 95 लाख ट्रक ऑपरेटरों तथा इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। एआईएमटीसी ने बयान में कहा कि सड़क परिवहन क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की घोषणा में देरी से ट्रांसपोर्टरों में बेचैनी है। सिर्फ ट्रकों को आवाजाही की अनुमति देने से उनकी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं। 

बयान में कहा गया है कि वित्तीय दबाव बढ़ने के साथ ट्रांसपोर्टर समुदाय की नाराजगी बढ़ रही है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के आग्रह पर सरकार ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है। बयान में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ परिवहन क्षेत्र, किसानों या आम आदमी को देने के बजाय केंद्र सरकार ने ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। वहीं राज्यों ने भी मूल्यवर्धित कर (वैट) में बढ़ोतरी की है। यह एक तरह से जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है। एआईएमटीसी ने कहा कि इससे सिर्फ महंगाई बढ़ेगी और छोटे ऑपरेटरों पर दबाव बढ़ेगा। 

jyoti choudhary

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