भारतीय कार का दूसरा सबसे बड़ा बाजार अमेरिका

Monday, Aug 20, 2018 - 01:14 PM (IST)

नई दिल्लीः अमेरिका भेजी जाने वाली भारत निर्मित कारों की रफ्तार में इजाफा जारी है। भारतीय कारों का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बनने के 2 साल बाद अब अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा कार बाजार बन गया है। पिछले कुछ सालों से दूसरे नंबर पर रहने वाला दक्षिण अफ्रीका अब तीसरे पायदान पर है। मैक्सिको अभी भी सबसे बडा बाजार बना हुआ है। 

30 जून 2018 को समाप्त तीन महीने की अवधि में भारत ने अमेरिका को 26.8 करोड़ डॉलर (करीब 18.76 अरब रुपए) के यात्री वाहनों का निर्यात किया। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से मिली। दक्षिण अफ्रीका को होने वाला निर्यात इस अवधि में 19.9 करोड़ डॉलर को रहा। पूरे वित्त वर्ष 2018 में भारत ने अमेरिका व दक्षिण अफ्रीका को क्रमशः 65.4 करोड़ डॉलर और 66.6 करोड़ डॉलर का निर्यात किया। अप्रैल-जून में अमेरिका को हुआ निर्यात भारत के कुल निर्यात का 15 फीसदी बैठता है। 

तिमाही के दौरान भारत निर्मित कारों के कुल निर्यात के मामले में मैक्सिको सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बना रहा और यहां 40.7 करोड़ डॉलर मूल्य के कारों का निर्यात हुआ। आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका निसंदेह भारतीय कारों के लिए सबसे तेज गति से बढ़ने वाला बाजार है। 

निर्यात की कीमत वित्त वर्ष 2017 के 30 लाख डॉलर के मुकाबले कई गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 65.4 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिका को हो रहे निर्यात में इजाफा एकमात्र कार निर्माता फोर्ड के वाहनों की वजह से हो रहा है। वाहन कंपनी ने चेन्नई में निर्मित कॉम्पैक्ट स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन इकोस्पोर्ट का निर्यात पुछले साल शुरू किया था। अमेरिकी कार निर्माता फोर्ड मोटर कंपनी की भारतीय सहायक फोर्ड इंडिया ने अमेरिका समेत विभिन्न बाजारों को निर्यात के लिए भारतीय क्षमता का कामयाबी के साथ इस्तेमाल किया। इसने पिछले साल यात्री वाहन की सबसे बड़ी निर्यातक हुंडई को पीछे छोड़ दिया।

jyoti choudhary

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