भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के बीच रोड़ा बनेगी तेल की कीमत ?
Sunday, Jul 29, 2018 - 04:38 AM (IST)
बेंगलूरू: अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए सरकार ने अपना खर्च बढ़ा दिया है। ऐसे में अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार बनी हुई है लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें इस बीच रोड़ा बन सकती हैं। फ्रांस को पीछे कर दुनिया में छठे स्थान पर आने वाली 13 लाख करोड़ की भारतीय अर्थव्यवस्था में मार्च 2019 तक 7.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है। 2020 में विकास दर में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि होने के अनुमान हैं।
रुपए में गिरावट के दौरान तेल के आयात के लिए बड़ी रकम चुकाना इस भविष्यवाणी के लिए खतरा बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि तेल की कीमतों की वृद्धि सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि इससे रिजर्व बैंक की ब्याज दरें भी बढ़ सकती हैं। 2016 में हुई नोटबंदी में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी थी लेकिन बाद में यह कवर हो गई। पिछले साल से लगातार इसमें वृद्धि हो रही है। बता दें कि आई.एम.एफ . ने इस साल की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने के अनुमान लगाए हैं।
कुछ जानकारों का कहना है कि अमरीका और अन्य देशों के बीच व्यापार विवाद का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा। अर्थशास्त्री शशांक मेहंदिरत्ता ने कहा कि जब तेल की कीमतों में 10 डॉलर की बढ़ौतरी होती है तो भारत की विकास दर 30 से 40 बेसिस प्वाइंट कम हो जाती है।