द न्यू इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी को क्लेम राशि में कटौती करना पड़ा महंगा, अब देगी 1,29,500 रुपए

Sunday, Aug 05, 2018 - 11:04 AM (IST)

उदयपुरः बीमा कम्पनी द्वारा बीमित बस निर्धारित अवधि में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने और लोगों द्वारा आग लगा देने से किए गए क्लेम में की गई भारी कटौती द न्यू इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता मंच ने इसे बीमा कम्पनी का सेवा दोष मानते हुए उसे क्लेम राशि व मानसिक परेशानी तथा वाद व्यय के रूप में 1,29,500 रुपए देने का आदेश दिया।



क्या है मामला
अलकापुरी अम्बामाता निवासी राहुल पुत्र परसराम बाथवी ने मैसर्स द न्यू इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी मंडलीय प्रबंधक एवं मंडल कार्यालय बापू बाजार के खिलाफ जिला उपभोक्ता मंच में 10 जून, 2016 को परिवाद पेश किया, जिसमें बताया गया कि उक्त बीमा कम्पनी से उसने बस का 12 जनवरी, 2013 से 11 अगस्त, 2014 तक की अवधि का बीमा कराया। 11 सितम्बर, 2013 को प्रात: बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गई। कम्पनी ने क्लेम पंजीबद्ध भी किया। दुर्घटना में चोटग्रस्त व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के आशय को ध्यान में रखते हुए कई स्थानीय लोगों ने उसकी बस को आग लगा दी थी। बाद में पुलिस ने बस को थाने में रख दिया। बस का सर्वेयर ने 27,480 रुपए का आकलन किया, जिसमें से एक्सिस की राशि 1500 रुपए की कटौती कर शेष 25,980 रुपए बनी उसमें से सालवेस के 2480 की कटौती कर 23,500 रुपए उसके खाते में डाल दिए गए। बीमा कम्पनी ने कहा कि बीमित द्वारा तथ्यों को छिपाते हुए सम्पूर्ण वाहन का कोटेशन प्रस्तुत किया गया। एफ.आई.आर. तथा पुलिस संबंधित दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं कराए, कोटेशन के आधार पर रिपोर्ट तैयार करवाई, इस आधार पर विपक्षी को बीमा कम्पनी ने उक्त राशि का ही क्लेम स्वीकृत किया। उसने 1 लाख 45 हजार रुपए का क्लेम किया था और उसमें से उसे मात्र 23,500 रुपए का ही भुगतान किया गया।



यह कहा मंच ने
जिला उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष हिमांशु राय नागौरी व सदस्य भारत भूषण ओझा ने बीमा कम्पनी द न्यू इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी के खिलाफ आदेश जारी कर बीमा क्लेम की राशि के रुप में 1 लाख 21 हजार रुपए और उस पर 5 दिसंबर 2013 से तायदाअगी तक 9 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि का 2 माह में भुगतान करने के आदेश दिए। साथ ही बीमा कम्पनी को परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ती के 5000 रुपए और वाद व्यय ब्याज के 3000 रुपए पृथक से देने के आदेश दिए।

jyoti choudhary

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