डिफॉल्ट से सीधे आम जनता के हितों को होता है नुकसान, RBI का बड़े कॉरपोरेट पर हमला

Monday, Nov 05, 2018 - 02:03 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और मोदी सरकार के बीच बढ़ते टकराव के चलते आरबीआई ने सरकार और कॉरपोरेट घरानों पर एक बार फिर निशाना साधा है। रिवर्ज बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने हाल में कहा है कि बैंक जो पैसा कर्ज के तौर पर देते हैं यह पैसा डिपॉजिटर्स का है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बैंक को वह पैसा समय पर नहीं चुकाता है या डिफॉल्ट करता है तो इससे आम जनता के हितों को नुकसान होता है।

विश्वनाथन का कहना है कि अगर बैंक से कर्ज लेने वाले कारोबारी या कॉरपोरेट समय पर कर्ज नहीं चुकाते हैं या डिफॉल्ट करते हैं तो बैंक कर्ज की वसूली के लिए कानूनी कदम उठाता है। इस तरह से बैंक डिफॉल्ट करने वाले कारोबारी या कॉरपोरेट से डिपॉजिटर्स का पैसा वसूल करने का प्रयास कर रहा होता है। डिफॉल्ट का कारण चाहे कुछ भी हो। हालांकि कर्ज पर डिफॉल्ट करने वाला पक्ष बैंक के कदम को ऐसे पेश करता है कि बैंक उसके साथ ज्यादती कर रहा है और उसकी असेट्स पर कब्जा कर रहा है। विश्नाथन का कहना है कि यहां तक कि बड़े कॉरपोरेट भी इस तरह का बहाना बनाते हैं। 

डिप्टी गवर्नर का कहना है कि हमें इस अंतर को साफ तौर पर समझना चाहिए कि प्राइवेट सेक्टर के बैंक अपना पैसा कर्ज के तौर पर मुनाफ कमाने के लिए देते हैं। वहीं पीएसयू बैंक बड़े पैमाने पर डिपॉजिटर्स या टैक्सपेयर्स का पैसा कर्ज के तौर देते हैं। ऐसे में अगर कोई कॉरपोरेट कर्ज पर डिफॉल्ट करता है तो वह डिपॉजिटर्स या टैक्सपेयर्स के हितों को नुकसान पहुंचाता है। 

jyoti choudhary

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