हुवावे के संस्थापक को नहीं है अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत मिलने की उम्मीद,  ''बचो या मरो के हालात

Tuesday, Aug 20, 2019 - 06:35 PM (IST)

नई दिल्लीः अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर से दोनों देशों को ही कारोबारी नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन चीन की टेक कंपनी हुवावे को करारा झटका लगा है। हुवावे टेक्नॉलजीज के फाउंडर रेन झेंगफेई ने कंपनी के एंप्लॉयीज को लिखे एक पत्र में कहा है कि यह हमारे लिए 'बचो या मरो' जैसी स्थिति है। यही नहीं झेंगफेई ने कंपनी के कम उपयोगी एंप्लॉयीज से कहा है कि वे नए प्रॉजेक्ट्स को एक्सप्लोर करने के लिए काम करेंगे। 

ऐसा न कर पाने वाले एंप्लॉयीज की सैलरी में कटौती की जाएगी और उनकी जॉब तक पर संकट आ सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मई से ही कंपनी परेशानी में है। अमेरिकी सप्लायर्स के साथ उसके काम करने पर प्रतिबंध लागू है। कम से कम 3 महीने तक जद्दोजहद करने के बाद भी अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील नहीं मिली है और इससे कंपनी के कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है। 

अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते हुवावे को इंटरनैशनल स्मार्टफोन मार्केट में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। कंपनी के आंतरिक अनुमानों के मुताबिक 2019 में अमेरिकी बैन के चलते उसके 6 करोड़ फोन कम बिके हैं। 2018 में हुवावे के मोबाइल शिपमेंट में 34 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। 2019 की पहली तिमाही में भी कंपनी ने बड़ी ग्रोथ हासिल की, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद से हवा निकली दिखती है। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते कंपनी की ग्रोथ में 8.3 फीसदी की कमी आई है। 
 

jyoti choudhary

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