पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर न्यायालय ने केंद्र से मांगा जवाब
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 01:20 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र से जवाब मांगा। याचिका में तर्क दिया गया है कि पीली मटर की आपूर्ति से दाल उत्पादक किसानों की आजीविका प्रभावित हो रही है। पीली मटर को दालों का विकल्प माना जाता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ‘किसान महापंचायत' द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया और किसान संगठन की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण से कहा कि वह पता लगाएं कि क्या देश में दालों का पर्याप्त उत्पादन है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करना चाहते हैं लेकिन इसका परिणाम यह नहीं होना चाहिए कि अंतिम उपभोक्ता को परेशानी हो।'' भूषण ने कहा कि 35 रुपए प्रति किलोग्राम की सस्ती कीमत पर पीली मटर का आयात तुअर दाल, मूंग दाल और उड़द दाल जैसी दालें उगाने वाले किसानों को प्रभावित कर रहा है जिन्हें 85 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सहित विशेषज्ञ निकायों से कई रिपोर्ट मिली हैं जिनमें सरकार से पीली मटर का आयात न करने को कहा गया है क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर भारतीय किसान प्रभावित होंगे।'' उन्होंने कहा कि पीली मटर का अप्रतिबंधित और सस्ता आयात बंद किया जाना चाहिए। भूषण ने कहा कि कृषि मंत्रालय और नीति आयोग ने भी पीली मटर के आयात के खिलाफ राय दी है और दालों का स्थानीय उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
पीठ ने भूषण से कहा, ‘‘आप पीली मटर के आयात की अनुमति नहीं देते और फिर बाजार में इसकी कमी हो जाती है। हमें इससे बचना होगा। आपने उल्लेख किया है कि कुछ देशों में पीली मटर का उपयोग मवेशियों के चारे के रूप में किया जाता है। क्या आपने इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की है?'' भूषण ने जवाब दिया कि पीली मटर खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और यह एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में किसानों की जान जा रही है और वह आत्महत्या कर रहे हैं।''