GST से आफत, बढ़ेगी कंपनियों की पूंजी की लागत

Wednesday, Oct 04, 2017 - 11:24 AM (IST)

नई दिल्ली/मुंबई : वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से कंपनियों की लागत घटने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अब कंपनियों की कार्यशील पूंजी की लागत बढने का अंदेशा सता रहा है। वजह यह है कि कंपनियों का भुगतान कई स्तरों पर अटका हुआ है और विनिर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी और तीसरी श्रेणी के वेंडरों की समस्या और भी गंभीर है क्योंकि बड़ी कंपनियां या मूल उपकरण विनिर्माता कर देनदारी में अनिश्चितता और आपूॢत की जाने वाली वस्तुओं पर कर की भरपाई की वजह से भुगतान रोक रहे हैं।

बड़ी निर्माण एवं तेल फर्मों के लिए काम करने वाले एक ट्रांसपोर्ट ठेकेदार ने कहा ‘‘जी.एस.टी. लागू होने के बाद से मेरा करीब 3 गुना भुगतान अटक गया है क्योंकि ग्राहक 2 महीने से भी अधिक का भुगतान लटका रहे हैं। इसकी वजह यह है कि वे अपने जी.एस.टी. के साथ हमारे जी.एस.टी. का मिलान नहीं कर पा रहे हैं।’’ वेंडर ने कहा कि पहले हर महीने की 7 तारीख तक बिल देने के बाद उसी माह के तीसरे सप्ताह के अंत तक भुगतान मिल जाता था। अब उन्हें परिचालन खर्चों के लिए गैर-बैंकिंग माध्यमों से ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। साथ ही रिफंड दावों के निपटान में देरी से भी समस्या बढ़ रही है। एफ .एम.सी.जी. क्षेत्र की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि सरकार कंपनियों से कर संग्रह कर रही है, लेकिन उनके रिफंड दावों को निपटाने में देर कर रही है। जाहिर है कि इससे कार्यशील पूंजी फंसेगी।
 

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