ड्रॉप बॉक्स से चैक चुराकर अकाऊंट में सेंध, अब बैंक भरेंगे राशि

Saturday, Dec 30, 2017 - 09:01 AM (IST)

नई दिल्लीः जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने नोएडा के एक बैंक के ड्रॉप बॉक्स से चैक चोरी कर उसकी पेमैंट कराने के मामले में बैंकों को सेवा में कमी का दोषी माना है। इनमें से एक बैंक से चैक चोरी हुए जबकि दूसरे में फर्जी अकाऊंट खुलवाया गया और तीसरे में चैक लगाकर अकाऊंट में सेंध लगाई गई। फोरम ने तीनों बैंकों को ब्याज सहित राशि लौटाने का आदेश दिया है।

क्या है मामला
सैक्टर-9 में रहने वाले अलीशेर का अकाऊंट इंडियन ओवरसीज बैंक में है। उन्होंने 2011 में बैंक के ए.टी.एम. बूथ में लगे ड्रॉप बॉक्स में 50,000 रुपए का चैक डाला था, जो चोरी हो गया। बाद में पता चला कि अलीशेर के नाम से मेरठ स्थित बैंक ऑफ  इंडिया में फर्जी खाता खुलवा कर इसी बैंक की गाजियाबाद शाखा में चैक लगाया गया और 50,000 रुपए अकाऊंट में आने के बाद निकाल लिए गए। चैक पर पीड़ित का अकाऊंट नंबर भी लिखा था जिसे काट कर दूसरा नंबर लिख दिया गया। इसके बावजूद इसे क्लीयर कर दिया गया। इस मामले में बैंक की ओर से नोएडा के सैक्टर-20 थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।

यह कहा फोरम ने
फोरम के नोटिस पर मेरठ के बैंक ने कहा कि उसने नियम के अनुसार अकाऊंट खोला था लेकिन फोरम ने कहा कि अकाऊंट खोलते समय नियमों का पालन नहीं किया गया। नोएडा के बैंक को भी फोरम ने सेवा में कमी का दोषी माना क्योंकि बैंक की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे जमा किए चैक की रसीद मिल सके। फोरम ने अपने आदेश में कहा है कि बैंक से चैक चोरी होना गंभीर अपराध है। यह सेवा में कमी है इसलिए बैंक ब्याज सहित राशि का भुगतान करें। साथ ही मानसिक क्षति के रूप में 5 हजार और वाद व्यय के रूप में 2 हजार रुपए भी देने होंगे।

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