गैर-बासमती की मिलावट से नहीं बिगड़ेगी बासमती की खुशबू!

Tuesday, Nov 08, 2022 - 11:50 AM (IST)

नई दिल्लीः बासमती चावल में अब 15 फीसदी से अधिक गैर-बासमती चावल मिलाकर बेचने की अनुमति शायद न मिले। सरकार ने बासमती के नाम से बासमती में 15 फीसदी से अधिक गैर-बासमती मिलाने की अनुमति नहीं देने की तैयारी कर ली है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्रा​धिकरण (एफएसएसएआई) की हाल में हुई बैठक मानक तय करने को मंजूरी दी गई है जिसके तहत लंबे समय से चले आ रहे भम्र को दूर किया गया है और साथ ही भारतीय बासमती की शुद्धता को भी बरकरार रखना सुनि​श्चित किया गया है क्योंकि बासमती में ज्यादा मात्रा में गैर-बासमती मिलाने से उसकी शुद्धता पर असर पड़ता है।

बासमती में 15 फीसदी से अ​धिक गैर-बासमती चावल मिलाने पर उसे मिश्रित चावल के नाम से ही बेचने की अनुमति होगी न कि मिश्रित बासमती चावल के नाम से। बैठक के जानकार सूत्रों ने कहा कि घरेलू ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बासमती चावल की शुद्धता बरकरार रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

व्यापार एवं उद्योग प्रतिनि​धियों के अनुसार इस कदम से कई छोटे असंगठित कारोबारियों द्वारा बासमती में गैर-बासमती चावल मिलाकर बेचने पर रोक लगेगी। आम तौर पर बासमती चावल में गैर-बासमती की अ​धिक मात्रा मिलकार उसे मिश्रित बासमती के नाम पर बाजार में बेचा जाता है।

उद्योग से जुड़े एक अ​धिकारी ने कहा, ‘मिश्रित बासमती के कारण बासमती चावल के बाजार मूल्य में कमी आती है, जो दुनिया के कुछ सबसे अनूठे गुणों वाला एक वि​शिष्ट उत्पाद है, जिसमें अनाज का आकार, बनावट, सुगंध आदि शामिल हैं, जो विश्व बाजार में एक विशेष स्थान रखता है।’ उन्होंने कहा कि एक बार मानक अ​धिसूचित हो जाने पर बासमती में ज्यादा मात्रा में गैर-बासमती चावल मिलाने की प्रथा पर रोक लग जाएगी।

वर्तमान में यूरोपीय संघ को निर्यात किए जाने वाले बासमती में 15 फीसदी तक गैर-बासमती मिलाने की अनुमति है जबकि घरेलू बाजार में इसमें 30 से 40 फीसदी तक गैर-बासमती चावल मिलाकर बेचा जा रहा है। भारत में बासमती चावल की करीब 35 से 39 किस्में हैं और उद्योग के कुछ भागीदारों का कहना है कि उनमें से कौन सी ​किस्म गैर-बासमती के साथ मिश्रित है, यह भेद करना एक कठिन काम होगा।

बासमती चावल भारत से बाहर निर्यात किए जाने वाले प्रमुख खाद्य उत्पादों में से एक है, जिसका अपने लंबे आकार, सुगंध और अन्य वि​शिष्ट गुणों के कारण दुनिया भर के बाजारों में वर्चस्व है।
 

jyoti choudhary

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