मंदी की मार झेल रहे ऑटो सेक्टर, खतरे में 10 लाख लोगों की नौकरी

Thursday, Jul 25, 2019 - 05:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: भारत की ऑटो इंडस्ट्री इस समय बुरे दौर से गुजर रही है। ऑटो सेक्टर में मंदी छाने और उत्पादन ठप होने की वजह से लाखों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा गया है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी कि एसीएमए ने चेतावनी जारी कर कहा कि अगर इस पर काबू न पाया गया तो 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। 



ACMA ने इस मामले में सरकार से दखल देकर समूचे ऑटो सेक्टर के लिए 18 फीसदी की एक समान जीएसटी लगाने की मांग की है। ACMA के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी के अनुसार ये स्थिति अभूतपूर्व है। बीते कुछ महीनों से हर तरह के वाहनों की बिक्री में कमी देखी गई है। अब इसका सीधा प्रभाव ऑटो कंपोनेंट उद्योग पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय वाहन उत्पादन में हुई 15 से 20 फीसदी की कमी की वजह से इस तरह की गंभीर स्थिति पैदा हुई है। 


वेंकटरमानी ने कहा कि यह ट्रेंड यदि जारी रहा तो कंपनियां छंटनी को मजबूर होंगी और करीब 10 लाख नौकरियां जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि कम्पोनेंट इंडस्ट्री में करीब 70 फीसदी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर होते हैं। इसलिए जब भी मांग में गिरावट आती है, कर्मचारियों की संख्या घटा दी जाती है। ACMA के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस मामले में तत्काल दखल देने की जरूरत है। 

क्या है कारण 
बता दें कि गाड़ियों और उनके पार्ट्स पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। इससे गाड़ियों का उत्पादन मूल्य काफी बढ़ जाता है। पिछले छह महीनों से देश में वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में कंपनियों के पास पहले का स्टॉक भी उठ नहीं पा रहा है। फिलहाल देश भर में कई कंपनियों ने अपनी फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप कर दिया है, और कर्मचारियों को भी छुट्टी पर भेज दिया है। दरअसल ऑटो सेक्टर में मंदी छाने का कारण है मांग में कमजोरी। BS IV से BS VI में गाड़ियों को बदलने के लिए निवेश, इलेक्ट्रिक वाहन शुरू करने के लिए ठोस पॉलिसी का न होना, जिसके कारण कंपनियों ने अपने सभी निवेश पर रोक लगा दी है। 

vasudha

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