GST दर अपरिवर्तित रहने से दूरसंचार उद्योग निराश

Monday, Jun 12, 2017 - 09:07 AM (IST)

नई दिल्लीः दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ओ.ए.आई.) ने दूरसंचार सेवाओं पर माल एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) की दर 18 प्रतिशत को अपरिवर्तित रखे जाने पर निराशा जताई है।

सी.ओ.ए.आई. सरकार पर दूरसंचार सेवाओं के लिए जी.एस.टी. दर को कम करने के लिए दबाव डाल रहा था। वह इसे आवश्यक सेवा के तहत पांच प्रतिशत जी.एस.टी. दर के दायरे में लाने का इच्छुक है। सी.ओ.ए.आई. के सदस्यों में भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस जियो शामिल हैं।

ऋण के बोझ तले दबे दूरसंचार उद्योग का तर्क है कि हमें साधन पर पर लगे कर के बदले मिलने वाले लाभ से हमारे उत्पाद पर लगे उंचे कर की क्षतिपूर्ति नहीं होती । इससे दूरसंचार सेवाएं ग्राहकों के लिए महंगी हो जाएंगी। वर्तमान में कर और उपकर मिलाकर दूरसंचार सेवाओं के बिल पर ग्राहकों को 15 प्रतिशत कर देना होता है। सी.ओ.ए.आई. के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यू ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं पर जी.एस.टी. दर कम नहीं किए जाने से हम निराश हैं। यह एक आवश्यक सेवा है। इससे ग्राहकों पर बोझ बढ़ेगा।

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