दूरसंचार अन्य सभी क्षेत्रों के लिए मददगार, आवश्यक सेवा के रूप देखे सरकार: COAI

punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 06:53 PM (IST)

नई दिल्ली: सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि अपनी बदलाव लाने की ताकत की वजह से दूरसंचार क्षेत्र अन्य क्षेत्रों को भी आगे बढ़ाने की क्षमता रखता है।दूरसंचार उद्योग के संगठन सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने बुधवार को कहा कि सरकार को इस क्षेत्र को आवश्यक सेवा तथा उद्योगों के मददगार के रूप में देखना चाहिए, न कि राजस्व लाने वाले आकर्षक क्षेत्र के रूप में।

उद्योग के शोध संस्थान ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोचर ने कहा कि 5जी के साथ कृत्रिम मेधा (एआई), ऑगमेंटेड रीयल्टी, वर्चुअल रीयल्टी, रोबोटिक्स और भविष्य की अन्य प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। कोचर ने कहा यह क्षेत्र अन्य क्षेत्रों को सशक्त करेगा और अन्य सभी क्षेत्र इसकी बुनियाद पर आगे बढ़ेंगें। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में दूरसंचार को ‘अलग रूप’ से देखा जाना चाहिए। सीओएआई के महानिदेशक ने कहा कि अभी सरकार दूरसंचार को राजस्व और कर की दृष्टि से एक आकर्षक क्षेत्र के रूप में देखती है। लेकिन इसकी बदलती प्रकृति की वजह से उन्हें ज्यादा समय तक इसे इस रूप में नहीं देखना चाहिए।

कोचर ने कहा उन्हें दूरसंचार से जो राजस्व मिलता है, यदि हम इसे राजस्व का प्रमुख स्रोत मानें, लेकिन दूरसंचार की मदद से आगे बढ़ रहे उद्योगों से सरकार के राजस्व में वृद्धि हो रही है, मैं इसे द्वितीयक राजस्व कहूंगा। यह राजस्व सरकार को प्राप्त होने वाले प्रमुख या प्राथमिक राजस्व को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा ऐसे में उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस क्षेत्र को पानी और बिजली की तरह आवश्यक सेवाओं के रूप में देखें। ऐसे में इसे तेजतर्रार बनाया जाना चाहिए और ग्राहकों को सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित होनी चाहिए।

ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम द्वारा ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: पाथ टू एक्जाबाइट एरा’ पर वर्चुअल डायलॉग को संबोधित करते हुए कोचर ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों और 5जी से लोगों के काम करने का तरीका बदल जाएगा। ऐसे में लोगों को नए सिरे से कुशल बनाने और प्रशिक्षण देने की जरूरत होगी। इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल (एबीएफआरएल) के वाइस चेयरमैन हिमांशु कपानिया ने कहा कि डिजिटल बदलाव तय है। उन्होंने कहा कि डेटा एक मूल्यवान संपत्ति है, जिसका अभी दोहन नहीं हो पाया है। निजता और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटते हुए इसकी पहुंच बढ़ाई जानी चाहिए।


 


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rajesh kumar

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