फ्लाइट में भी कर सकेंगे मोबाइल और इंटरनैट का इस्‍तेमाल, टैलीकॉम कमीशन ने दी मंजूरी

Tuesday, May 01, 2018 - 10:39 PM (IST)

नई दिल्लीः टैलीकॉम कमीशन ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स में मोबाइल फोन कॉल्‍स और इंटरनैट के इस्‍तेमाल के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि ये सर्विसेज कुछ शर्तों के साथ मिलेंगी। यह मंजूरी मंगलवार को हुई कमीशन की मीटिंग में दी गई। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक, कमीशन ने इंटरनैट टेलीफोनी को लेकर टैलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी है। 

उन्‍होंने यह भी कहा कि टैलीकॉम से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए एक लोकपाल (ओमबड्समैन) बनाए जाने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दी गई है। लोकपाल को ट्राई के तहत स्‍थापित किया जाएगा और इसके लिए ट्राई एक्‍ट में संशोधन की जरूरत होगी।

सुंदरराजन ने मीडिया से कहा, ‘दूरसंचार आयोग ने उड़ान के दौरान कनेक्टिविटी (आईएफसी) को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में ट्राई की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया गया है और इसे तत्काल कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस तरह की सेवाओं में उपग्रह के इस्तेमाल के बारे में ट्राई की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया गया है। ट्राई ने ‘इन-फ्लाइट’ मोबाइल संचार सेवाओं के लिए विदेशी उपग्रह फर्मों को अनुमति देने की सिफारिश की थी। ‘इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी’ प्रदाता को दूरसंचार विभाग से लाइसेंस लेना होगा। सेवा देने के लिए उसे एक रुपए की सालाना लाइसेंस फीस देनी होगी। इसके साथ ही दूरसंचार आयोग ने इंटरनेट टेलीफोनी के बारे में ट्राई की सिफारिशों को मंजूरी दी। 

सुंदरराजन ने कहा कि इंटरनेट टेलीफोनी के बारे में ट्राई की एक को छोड़कर सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। टेलीफोनी कॉल को फोन नंबर से सम्बद्ध करने की उसकी सिफारिश नहीं मानी गई। इस मंजूरी से मोबाइल एप से किसी फोन या मोबाइल पर कॉल करने को लेकर अस्पष्टता समाप्त होगी। ट्राई के प्रस्ताव के अनुसार जिन कंपनियों के पास वैध दूरसंचार लाइसेंस हैं वे एप आधारित कॉलिंग सेवाएं दे सकती हैं और इसमें वाइफाई का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सेवा प्रदाताओं को निगरानी संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करना होगा। इस तरह की कॉल के लिए शुल्क दूरसंचार कंपनी लेगी और सामान्य कॉल के सभी नियम इस पर लागू होंगे। इसके साथ ही दूरसंचार संबंधी शिकायतों से निपटने के लिए दूरसंचार लोकपाल का पद सृजित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसे ग्राहकों के लिए बड़ी राहत का कदम माना जा रहा है जो कि कंपनियों के खिलाफ अपनी शिकायतों के संतोषजनक निपटान नहीं होने के कारण परेशान हैं।

इसी तरह आयोग ने पुराने दिनों के पीसीओ की तर्ज पर पीडीओ (सार्वजनिक डेटा कार्यालय) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है ताकि सार्वजनिक वाईफाई के अधिकतम इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा सके। आयोग ने अंडमान व निकोबार द्वीपों को कनेक्ट करने के लिए लागत को मंजूरी दी है। इस परियोजना की कुल लागत 1224 करोड़ रुपए है। असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल व हिमाचल प्रदेश में भारतनेट परियोजना की शुरुआत को भी मंजूरी दी गई है। 
 

jyoti choudhary

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