दूरसंचार शुल्क अब भी गैर-टिकाऊ स्तर परः वोडाफोन आइडिया सीईओ

Sunday, Nov 06, 2022 - 10:38 AM (IST)

नई दिल्लीः दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने भारत में दूरसंचार शुल्कों के अब भी 'गैर-टिकाऊ स्तर' पर बने रहने का जिक्र करते हुए कहा है कि उद्योग को अनवरत निवेश करने के लिए शुल्कों को दुरुस्त करना होगा। वीआईएल के औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरयूपी) में लगातार पांचवीं तिमाही में वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में कंपनी का एआरयूपी 131 रुपए प्रति उपयोगकर्ता रहा जो एक साल पहले की तुलना में 19.5 प्रतिशत अधिक है। 

जुलाई-सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व तिमाही आधार पर भी बढ़ा है। अप्रैल-जून तिमाही में यह राजस्व 128 रुपए रहा था। वीआईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा ने दूसरी तिमाही के नतीजों पर विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि देश में दूरसंचार शुल्क अब भी गैर-टिकाऊ स्तर पर बना हुआ है। उन्होंने कहा, "हमारा मत है कि दूरसंचार उद्योग को आगे भी निवेश हासिल करने के लिए शुल्क में सुधार का सिलसिला आगे भी जारी रखने की जरूरत है।" 

मूंदड़ा ने कहा कि वीआईएल ने शुल्कों में कई बार बदलाव किए हैं जिनमें शुरुआती दौर की योजनाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी अब भी 4जी उपभोक्ताओं को अपने साथ जोड़ने और अनलिमिटेड योजनाओं पर ध्यान दे रही है। हालांकि मूंदड़ा ने कहा कि वीआईएल 5जी प्रौद्योगिकी के अगले सफर के लिए तैयार है और इस दिशा में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 4जी कवरेज के विस्तार और 5जी सेवाओें की शुरुआत वित्तपोषण एवं कोष पर निर्भर करेगी। 

मूंदड़ा ने कहा, "हमारी राय है कि एक बार फंडिंग का इंतजाम हो जाने के बाद हम 5जी पेशकश कर पाने की स्थिति में होंगे। वैसे तो 5जी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो चुकी है लेकिन 5जी हैंडसेट पारिस्थितिकी के अब शुरू होने से मुझे नहीं लगता है कि दो महीनों में फंडिंग मिलने के बाद 5जी सेवा की पेशकश से कोई नुकसान होगा।" सरकार को बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाने से वीआईएल में सरकार को इक्विटी देने के मुद्दे पर मूंदड़ा ने कहा कि इस बारे में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता है कि सरकार इक्विटी हिस्सेदारी क्यों नहीं ले रही है। सरकार इस पर फैसला लेने में कुछ समय लगा रही है।"

jyoti choudhary

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