‘टैक्स रिफंड’: देरी के कारणों की जांच करें

Monday, Oct 07, 2019 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्लीः एक बार आपकी आयकर रिटर्न (आई.टी.आर.) भरे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई तो आपको अपना रिफंड हासिल करने के लिए 30 से 45 दिन लग जाते हैं। यदि आपने स्वयं की आई.टी.आर. 31 जुलाई से पहले दर्ज की है (यहां तक कि अगस्त के पहले हफ्ते) तो आपको अपना रिफंड अब हासिल हो जाना चाहिए। वह व्यक्ति जिन्होंने अपनी रिटर्न 31 अगस्त के नजदीक भरी थी, उनके लिए भी एक महीने से अधिक का समय हो गया है, इसलिए सभी करदाताओं के लिए यह सही समय है कि अब वह यह चैक करें कि क्या उनका रिफंड आ गया है? रिफंड में देरी हो जाने के बहुत-से कारण हो सकते हैं। अपने रिफंड की प्रक्रिया तेज और बढ़िया बनाने के लिए आपको सभी कारण जान लेने चाहिएं।

आई.टी.आर. की पेपर-आधारित जांच
आई.टी.आर. को फाइल करने के अलावा आपको रिटर्न की पड़ताल करनी होगी। इंस्टैंट ऑनलाइन वैरीफिकेशन आपकी तरफ  से टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया मुकम्मल करने में मदद करेगी। अपनी आई.टी.आर. की इलैक्ट्रानिकली जांच करने का विकल्प चुनते हो तो रिफंड हासिल करने की प्रक्रिया में देर लग सकती है। अपनी ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के अंदर-अंदर करदाता आई.टी.आर. की अपने हस्ताक्षरयुक्त कापियां आई.टी. विभाग को भेज सकते हैं। असली प्रक्रिया सिर्फ उस समय पर शुरू होती है जब आपकी मुकम्मल और हस्ताक्षरयुक्त आई.टी.आर. फार्म की फिजीकल कापी सी.पी.सी. बेंगलुरु को हासिल हो गई हो।

आखिरी मिनट में की गई फाइलिंग
बहुत से करदाता अपनी आई.टी.आर. आखिरी तारीख के बिल्कुल नजदीक फाइल करते हैं। इस साल कुल 5.65 करोड़ लोगों ने अपनी आई.टी.आर. दाखिल की। उनमें से 1.47 करोड़ लोगों ने 27 और 31 अगस्त के बीच अपनी रिटर्न फाइल की और ज्यादातर 49.29 लाख लोगों ने आखिरी दिन यानी 31 अगस्त को रिटर्न फाइल की। बहुत से लोगों की तरफ  से आखिरी दिन रिटर्न फाइल किए जाने से बैक-लॉग की समस्या पैदा हो जाती है और आई.टी. विभाग को आपके रिफंड की प्रक्रिया के लिए लंबा समय लगता है। फिर भी यदि आई.टी. विभाग की तरफ  से 2 महीनों में आपको कोई सूचना नहीं मिलती या आपको रिफंड नहीं मिलता तो आप अपनी आई.टी.आर. का प्रिव्यू कर सकते हो या अपनी गलती का पता लगा सकते हो।

टैक्स फाइलिंग में गलतियां
अगर आपने गलत आई.टी.आर. फार्म चुन लिया, अपना निजी विवरण गलत भर दिया, गलत सूचना दी तो आपके रिफंड में देरी हो सकती है क्योंकि आई.टी. विभाग सूचना की पुष्टि करने के लिए देर लगा सकता है। जो आंकड़े आपने पिछले साल भरे थे, वह इस बार मेल नहीं भी खा सकते तो फिर क्या आपने पिछले साल गलत आंकड़े दिए। ऐसी सूरत में एक आई.टी. अधिकारी आपके सारे रिकार्ड को खंगालेगा तो फिर आई.टी. विभाग आपको फालतू सूचना देने की अपील के साथ आपको सूचित कर सकता है।

आमदन या कर राशि में अंतर
अगर अलग-अलग स्रोतों से आमदन में कोई अंतर आ जाता है तो रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती है। ऐसा आम तौर पर उस केस में होता है जब फार्म 16 में दिए गए विवरण फार्म 26 में टी.डी.एस. विवरण के साथ मेल नहीं खाते।

बैंक खातों का गलत विवरण
यदि आप अपने बैंक खातों का विवरण सही नहीं देते तो भी आपकी रिफंड प्रक्रिया पूरी करना आई.टी. विभाग के लिए असंभव है, बेशक आपने बाकी प्रक्रिया मुकम्मल की हो। टैक्स अधिकारी वधवा का कहना है कि बहुत से कारणों से आपके रिफंड में देरी हो सकती है, जैसे बैंक खातों का गलत विवरण, बैंक खातों का गलत नंबर, आई.एफ.एस.सी. कोड गलत होना, बैंक खाते को पैन के साथ लिंक न करना आदि।

संचार माध्यम का गलत विवरण
अगर आप कोई गलती करते हो तो आपका आई.टी.आर. और आई.टी. विभाग आपको संदेश भेजता है जो आपके पास तभी पहुंचेगा यदि आपने संचार माध्यम के लिए सही पता मुहैया करवाया हो।

Supreet Kaur

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