कोका-कोला ही नहीं, CCD खरीदने की होड़ में टाटा और जुबिलिएंट भी हो सकती हैं शामिल

Friday, Aug 02, 2019 - 10:44 AM (IST)

नई दिल्लीः कैफे कॉफी डे (सी.सी.डी.) के फाऊंडर और चेयरमैन वी.जी. सिद्धार्थ की मृत्यु के बाद कम्पनी को बेचने की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। दुनिया की सबसे बड़ी बेवरेज मेकर कम्पनी कोका-कोला पहले से सी.सी.डी. खरीदने को लेकर बातचीत कर रही है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कम्पनी खरीदने की इच्छुक कम्पनियों में टाटा ग्लोबल बेवरेजेस और जुबिलिएंट फूडवक्र्स भी होड़ में शामिल हो गए हैं।

टाटा ग्लोबल बेवरेजेस का अमरीकी कॉफी स्टारबक्स के साथ ज्वाइंट वैंचर है। अगर कम्पनी सी.सी.डी. को खरीद लेती है तो इससे स्टारबक्स को देश में अपनी बढ़त बनाने में मदद मिलेगी। जुबिलिएंट फूडवक्र्स अपनी प्रतिद्वंद्वी कम्पनी वैस्टलाइफ डिवैल्पमैंट से आगे निकलने के रास्ते तलाश रही है। वैस्टलाइफ कम्पनी के तहत मैक्डोनॉल्ड और मैक कैफे आता है, जहां बर्गर और कॉफी दोनों मिलते हैं। ऐसे में जुबिलिएंट के लिए भी सी.सी.डी. को खरीदने से कॉफी इंडस्ट्री में कदम रखने का आसान मौका मिलेगा।

CCD बेच कर 8-10 हजार करोड़ जुटाने की थी उम्मीद
सी.सी.डी. के फाऊंडर वी.जी. सिद्धार्थ अपनी कॉफी चेन को कोका-कोला को बेचकर 8-10 हजार करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद में थे। जून माह में इस डील को लेकर खबरें आई थीं और जल्द ही डील के फाइनल हो जाने की उम्मीद थी। बताया जा रहा है कि सी.सी.डी. पर मार्च 2019 तक 6547.38 करोड़ रुपए का कर्ज था।

मिल रही अन्य ब्रांड्स से टक्कर
बाजार विश्लेशकों का मानना है कि कैफे कॉफी डे को बदलाव की जरूरत है। कम्पनी को लगातार चायोस और चाय प्वाइंट जैसे नए बेवरेज ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं स्टारबक्स, बरिस्टा और मैक कैफे जैसे कॉफी ब्रांड्स भी सी.सी.डी. को चुनौती देते हैं। सी.सी.डी. ने वित्त वर्ष 2018 में 90 छोटे स्टोर बंद किए। कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने मार्च 2019 में खत्म होने वाली तिमाही में 76.9 करोड़ रुपए की सेल दर्ज कराई, जो पिछले साल के मुकाबले 43.64 प्रतिशत ज्यादा रही। हालांकि कम्पनी का घाटा 16.52 करोड़ से बढ़कर 22.28 करोड़ रुपए हो गया।

Supreet Kaur

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