NCLAT के फैसले के खिलाफ जनवरी में सुप्रीम कोर्ट जाएगा टाटा ग्रुप
Friday, Dec 20, 2019 - 04:32 PM (IST)
नई दिल्लीः टाटा ग्रुप NCLAT के फैसले के खिलाफ जनवरी के पहले हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने अपने फैसले में सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा ग्रुप की तीन कंपनियों के चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया। करीब तीन साल पहले जनवरी 2017 में मिस्त्री को इन कंपनियों के चेयरमैन पद से हटाया था।
इन तीन कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS), टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लिमिटेड है। टाटा ग्रुप अपने अपील में NCLAT के आदेश को खारिज करने या स्टे लगाने की मांग करेगी। NCLAT ने 18 दिसंबर को इन तीनों कंपनियों का चेयरमैन मिस्त्री को बनाने का फैसला सुनाया था। ट्राइब्यूनल ने अपने आदेश में कहा था कि अगले 4 हफ्तों में मिस्त्री को यह पद सौंपा जाए।
ट्राइब्यूनल के फैसले के बाद तकनीकी रूप से मिस्त्री इन तीनों कंपनियों के चेयरमैन बन गए हैं लेकिन हकीकत में उन्हें जनवरी के तीसरे या चौथे हफ्ते में होने वाले बोर्ड मीटिंग तक इंतजार करना होगा। दिसंबर तिमाही के नतीजों को लेकर जनवरी के आखिरी हफ्ते तक बोर्ड मीटिंग हो सकती है।
टाटा ग्रुप को यह उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट NCLAT के फैसले पर रोक लगा सकता है। लाइव मिंट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि टाटा ग्रुप इस मामले में कानूनी सलाह ले रहा है कि NCLAT का ऑर्डर शेयरहोल्डर राइट्स और प्रोसेस से ऊपर है या नहीं। कानूनी सलाहकारों की राय इसको लेकर अलग है। लाइव मिंट के मुताबिक, जहां कुछ जानकारों का कहना है कि शेयरहोल्डर राइट्स ऊपर है। वहीं कुछ का कहना है कि NCLAT का ऑर्डर मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाना लीगल है या नहीं, इस आधार पर लिया गया है।