टाटा ग्रुप कंपनियों पर नियंत्रण मजबूत करने के लिए नई व्यवस्था

Monday, Jan 16, 2017 - 10:28 AM (IST)

नई दिल्लीः एन चंद्रशेखरन को नया चेयरमैन नियुक्त करने के बाद टाटा संस अब समूह की कंपनियों पर नियंत्रण मजबूत करने पर विचार कर रही है। टाटा संस को उम्मीद थी कि सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद वह समूह की कंपनियों से भी किनारा कर लेंगे। लेकिन समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के लिए उस समय कठिन हालात पैदा हो गए जब टाटा केमिकल्स और इंडियन होटल्स सहित कुछ कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों ने मिस्त्री का समर्थन किया।

कंपनी बनाएगी बेहतर व्यवस्था 
टाटा संस में चल रही चर्चा की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने कहा, 'निश्चित रूप से अपने हितों को बचाने के लिए कंपनी बेहतर व्यवस्था बनाएगी। दीर्घकालिक उपाय के तहत समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक की जा सकती है जबकि तात्कालिक उपाय के तौर पर समूह की कंपनियों के बोर्ड में टाटा संस के प्रतिनिधित्व नियमों में बदलाव किया जा सकता है।' टाटा केमिकल्स में टाटा संस की 30.8 फीसदी और इंडियन होटल्स में 38.6 फीसदी हिस्सेदारी है।

नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दी चुनौती
मिस्त्री को टाटा संस से बाहर किए जाने के बावजूद कई कंपनियों के बोर्ड ने उन्हें चेयरमैन पद से नहीं हटाया था। इसलिए उन्हें हटाने के लिए टाटा संस को असाधारण आम बैठक बुलानी पड़ी। इस बैठक के शुरू होने से ऐन पहले मिस्त्री ने समूह की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया और अपनी बर्खास्तगी को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी। यह मामला अभी ट्रिब्यूनल के विचाराधीन है।

टाटा समूह चाहता है यह
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के मुताबिक अगर किसी सूचीबद्ध कंपनी की अध्यक्षता कोई प्रवर्तक (प्रतिनिधि सहित) करता है तो कंपनी के बोर्ड में 50 फीसदी स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए। टाटा समूह चाहता है कि टीसीएस सहित उसकी बड़ी कंपनियों की अगुआई टाटा संस के नए चेयरमैन एन चंद्रशेखरन करें। लेकिन छोटी कंपनियों के मामले में टाटा संस स्वतंत्र चेयरमैन को तरजीह दे सकती है। इससे उसे स्वतंत्र निदेशकों की संख्या घटाकर 33 फीसदी करने में मदद मिलेगी। चंद्रशेखरन 21 फरवरी को टाटा संस के चेयरमैन का पद संभालेंगे।

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