जल्द सुलझ सकता है टैरिफ विवाद, कुछ हफ्तों में आ सकता है फैसला, अमेरिकी राजदूत ने दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 12:37 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा वैश्विक स्तर पर लगाए गए टैरिफ चाबुक की जद में भारत भी आ गया है। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है, जिससे ट्रेड डील को लेकर बातचीत अटक गई थी लेकिन इसी बीच भारत में अमेरिका के होने वाले नए राजदूत सर्जियो गोर ने बड़ा बयान दिया है।
जल्द सुलझ सकता है टैरिफ विवाद
सर्जियो गोर ने अपनी नियुक्ति की पुष्टि से जुड़ी बैठक में कहा कि भारत और अमेरिका टैरिफ मुद्दे को सुलझाने के काफी करीब हैं। उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले कुछ हफ्तों में इस पर फैसला हो सकता है। गोर के मुताबिक, दोनों देशों के बीच दोस्ती गहरी है और मतभेद अस्थायी हैं।
रूसी तेल पर भी टिप्पणी
गोर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत रूसी तेल की खरीद बंद करे। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इस मुद्दे पर विवाद ज्यादा समय तक नहीं चलेगा। गोर के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप भारत की आलोचना करते हैं लेकिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मित्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंध चीन की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत और गर्मजोशी भरे हैं।
कहां अटकी है ट्रेड डील?
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने के बाद से ही डील पर बातचीत चल रही है लेकिन समझौता अब तक नहीं हो पाया है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने डेयरी और कृषि क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोले। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया है कि किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा।
भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्ते
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध अब तक काफी मजबूत रहे हैं। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 129.2 अरब डॉलर तक पहुंचा।
- अमेरिका ने भारत को $41.8 अरब का निर्यात किया।
- भारत ने अमेरिका को $87.4 अरब का निर्यात किया।
भारत का अमेरिका को निर्यात
- दवाएं: लगभग ₹68,520 करोड़ (अमेरिका की जेनेरिक दवाओं की 47% सप्लाई भारत से होती है)
- रत्न और गहने: करीब ₹72,800 करोड़ (कुल निर्यात का 30% सिर्फ अमेरिका जाता है)
- पेट्रोकेमिकल्स, टेक्सटाइल और ऑटो प्रोडक्ट्स: ₹34,260 करोड़
- कपड़े और वस्त्र: $9.6 अरब (भारत के कुल वस्त्र निर्यात का 28%)
भारत हर साल लगभग $33 अरब के रत्न और गहनों का निर्यात करता है, जिसमें से $9.9 अरब सिर्फ अमेरिका को भेजे जाते हैं।