SC का सरकार को निर्देश, ऋण पर ब्याज के मामले में अपना निर्णय लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाएं

Friday, Nov 27, 2020 - 06:20 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 2 करोड़ रुपए तक के ऋण की आठ श्रेणियों पर ब्याज के मामले में अपने निर्णय को लागू करे और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए।

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न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है, बल्कि देश और दुनिया के आर्थिक विकास पर भी इसका असर पड़ा है। ऋण की आठ श्रेणियां हैं एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), शिक्षा, आवास, कंज्यूमर ड्यूरेबल, क्रेडिट कार्ड, ऑटोमोबाइल, कंसम्पशन और पर्सनल शामिल हैं।

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आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत भारत सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकांश कंपनियां प्रभावित हुई हैं। कई महीनों के लिए बड़ी संख्या में उद्योगों को कार्य करने की अनुमति नहीं थी। इस दौरान कुछ आवश्यक उद्योगों को ही काम करने की छूट दी गई थी। पीठ में आरएस रेड्डी और एमआर शाह भी शामिल थे।

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हालांकि, धीरे-धीरे अनलॉक 1, 2 और 3 के कारण उद्योगों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को बहाल कर दिया गया और देश की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लौटने लगी लेकिन इसकी गति धीमी है।  

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गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई मोरेटोरियम की अवधि तीन मार्च से 31 अगस्त तक, यानी छह महीने के लिए थी। याचिकाकर्ता के वकील राजीव दत्ता ने शिकायतों का निवारण करने के उपायों पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है।  

jyoti choudhary

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