भारत के भविष्य की कुंजी है सतत आर्थिक वृद्धि: कांत

Sunday, Mar 14, 2021 - 10:04 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि के जरिए भारत ने अपनी ताकत को वास्तव में प्रदर्शित किया है और यह इसके भविष्य की कुंजी है। कांत शनिवार को यहां एक सम्मेलन 'मिलिटेरिया' को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं ने एक ही पीढ़ी के भीतर खुद का कायांतरण कर लिया।

भारत ने 1991 के बाद के 30 साल के दौरान 6.5% की सालाना औसत आर्थिक वृद्धि के साथ अच्छा खासा बदलाव देखा है। उन्होंने कहा आगे भी, निवेश के स्तर और निरंतर आर्थिक वृद्धि सुरक्षा कारणों से महत्वपूर्ण है। कांत ने कहा, "सतत आर्थिक वृद्धि भारत के भविष्य की कुंजी है। सुरक्षा कारणों से निवेश और सतत आर्थिक आर्थिक वृद्धि महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद देश द्वारा उठाए गए कदमों से कई क्षेत्रों में आमूल चूल सुधारों की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को भारत के आर्थिक वृद्धि के 'ह्रदय' में लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "भारत को एक उच्च दर वाली वृद्धि की राह की ओर ले जाना बड़ी चुनौती है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2020 में (-) 3.5% रहने के बाद सुधरकर लगभग 5.5% होने की उम्मीद है।'' 

कांत ने आगे कहा, ‘‘कोरोना महामारी से गरीबी उन्मूलन की प्रवृत्ति उलट सकती है। वैश्विक ऋण अभूतपूर्व स्तर पर है। वैश्विक ऋण जो लगभग 300% था वह अब लगभग 370% है। 2020 में वैश्विक व्यापार में 7% की गिरावट अनुमानित है। 2020 में दुनिया में चीन ही एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था थी जिसने जीडीपी में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की। वैश्विक जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी और बढ़ेगी।'' उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में चीन ने इस्पात, एल्यूमीनियम और भेषज जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में जबरदस्त बाजार ताकत हासिल की है। वहीं दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने कोरोना के बाद सबसे तीव्र सुधार दर्ज किया है। 

कांत ने कहा, ‘'वैश्विक बाजारों में पैठ बनाने के लिए भारत के विनिर्माण में परिमाण व पैमाना साइज एंड स्कैल लाना होगा। 'आत्मानिर्भर भारत' संरक्षणवाद के बारे में नहीं है बल्कि यह वैश्विक बाजारों में पैठ बनाने की बात है।'' पूर्व गृह सचिव आर महर्षि ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में हर किसी को बेहतर और स्मार्ट तैयार होना होगा। तकनीकी योग्यता बजट पर निर्भर करेगी। इसी कार्यक्रम में नेशनल साइबर कार्डिनेशन सेंटर (एनीसीसीसी) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राजेश पंत ने देश की आर्थिक वृद्धि के लिहाज से साइबर सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए शनिवार को आगाह किया कि दूसरे देश भारत के साइबर स्पेस में दखलंदाजी कर इसकी वृद्धि को धीमा कर सकते हैं। 

उन्होंने आगाह किया साइबर अपराधों के कारण वैश्विक आर्थिक नुकसान 2020 में छह हजार अरब डॉलर रहा। इसके अनुरूप ही उन्होंने देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की सलाह देते हुए कहा कि यह उन कारकों में से एक होगा जो देश की आर्थिक वृद्धि के लिए बाधा बन सकते हैं। इस सम्मेलन में सेना के स्वदेशीकरण से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नयी चुनौतियों पर चर्चा की गयी। सम्मेलन का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल आलोक एस. क्लेर ने किया। मिलिटेरिया के संस्थापक, रक्षा विशेषज्ञ मरूफ रजा ने शुरू में अतिथियों का स्वागत किया। 

jyoti choudhary

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