दिल्ली-NCR में डीजल गाड़ियों पर बैन हटा, देना होगा 1 फीसदी ग्रीन सेस

Friday, Aug 12, 2016 - 03:58 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने डीजल कार निर्माताओं और उपभोक्‍ताओं, दोनों को ही बड़ी छूट दी है। कोर्ट ने दिल्‍ली-एन.सी.आर. में 2000 सीसी या उससे ज्‍यादा क्षमता वाली डीजल कारों के रजिस्‍ट्रेशन पर लगे बैन को वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह भी कहा कि इन कारों का इस्‍तेमाल करने वाले लोगों को 1 प्रतिशत ग्रीन सेस चुकाना होगा। कोर्ट के इस फैसले से नई एसयूवी कार खरीदना चाह रहे लोगों को राहत मिलेगी। 

इससे पहले, कोर्ट ने 9 मई को संकेत दिया था कि वह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी से ऊपर के इंजन की क्षमता वाली नई डीजल लक्जरी कारों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश में राहत देने पर विचार कर सकता है। चीफ जस्‍ट‍िस टीएस ठाकुर की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा था, ‘बुनियादी तौर पर हमारा मानना है कि डीजल वाहन दूसरे वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण करते हैं। हम सही हो सकते हैं, हम गलत हो सकते हैं। हम इसमें संशोधन करने के लिए तैयार हैं।’ देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली सरकार, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण और टैक्सी मालिक संघ से कहा था कि एन.सी.आर. से डीजल वाहनों को हटाने की ठोस रूपरेखा दें।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा
 कोर्ट ने कहा कि‍ कस्‍टमर्स को दि‍ल्‍ली में 2000 सीसी डीजल कारों के लि‍ए 1 फीसदी ग्रीन सेस देना होगा। ये एक्स शो रूम प्राइस पर लगेगा। 
 कोर्ट ने दि‍ल्‍ली में 2000 सीसी से ज्‍यादा की डीजल कारों के रजि‍स्‍ट्रेशन की मंजूरी दी है। बाकी सभी डीजल कारों की सेल पर ऑर्डर बाद में जारी किया जाएगा।
 कोर्ट ने कहा है कि‍ सैंट्रल पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड कि‍सी एक सरकारी बैंक में अलग से अकाऊंट खोलेगा। इसमें ये ग्रीन सेस डि‍पॉजि‍ट कि‍या जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला कार कम्पनी मर्सडीज बेंज की एक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए दिया। कम्पनी ने कहा था कि वो दिल्ली-एन.सी.आर. में अपनी 2000 या उससे ज्यादा सीसी की कारों पर 1 फीसदी एनवॉयरमेंट टैक्स देने के लिए तैयार है। 
 4 जुलाई को कोर्ट ने बैन लगाने के ऑर्डर को बरकरार रखा था।

Advertising