चीनी 60% महंगी फिर भी किसानों का 2656 करोड़ बकाया

Wednesday, Aug 10, 2016 - 01:55 PM (IST)

नई दिल्लीः चीनी की बढ़ती कीमतों से आम आदमी भले ही परेशान है लेकिन इसका फायदा चीनी मिलें मोटे मुनाफे के रुप में कमा रही है। यहीं नहीं मोटी कमाई करने के बावजूद मिलें किसानों के बकाए का पेमेंट भी नहीं कर रही हैं। हालत यह है कि अकेले उत्तर प्रदेश में ही किसानों का 2656 करोड़ रुपए का बकाया है। ये हालत तब है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलों को पेमेंट करने के भी निर्देश दे दिए हैं।

 

इस समय उत्तर प्रदेश में चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत 3600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। जबकि अगस्त में साल 2015 के दौरान यह 2300 रुपए थी। इसकी वजह से आम आदमी पर भी बोझ बढ़ा है। जबकि चीनी मिलों को लागत कम और दाम बढ़ने का सीधा फायदा मिल रहा है।

 

अहम बात यह है कि करीब आधा बकाया चार-पांच मिलों और ग्रुप पर ही है और इसमें करीब आधी बकाया राशि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच-छ जिलों के किसानों की है। उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना आयुक्त कार्यालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 8 अगस्त तक चीनी मिलों पर कुल 2856 करोड़ रुपए का बकाया था। जो चालू पेराई सीजन (2015-16) के कुल भुगतान का करीब 15 फीसदी है। बकाया भुगतान में सबसे अधिक 450 करोड़ रुपए बकाया बजाज ग्रुप पर है। इसके अलावा मोदी ग्रुप की चीनी मिलों पर 356 करोड़ रुपए का बकाया है। अधिक बकाया वाली चीनी मिलों में 316 करोड़ रुपए सिंभावली ग्रुप, 375 करोड़ रुपए मवाना ग्रुप और 220 करोड़ रुपए का बकाया राणा शुगर पर है। इसके साथ ही शामली स्थित अपर दोआब शुगर मिल पर भी अधिक अधिक बकाया है अहम बात यह है कि करीब आधा बकाया पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्थित चीनी मिलों पर है। इसके साथ ही 5 चीनी मिलों पर इसके पहले सीजन (2014-15) का भी 58 करोड़ रुपए का बकाया है।

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