मुंह का स्वाद बिगाड़ सकती है चीनी, दामों में हो सकता है इजाफा

Tuesday, Nov 05, 2019 - 04:52 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः जहां एक ओर भारी बारिश और बाढ़ की वजह से देश में प्याज, टमाटर, लहसून, दालों के उत्पादन कम हुआ और दाम आसमान पहुंच गए। वहीं इसी तरह के संकेत अब चीनी में भी देखने को मिल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में चीनी के उत्पादन में भारी कटौती देखने को मिल सकती है। जानकारों की मानें तो उत्पादन कम होने से चीनी के दामों में भी असर देखने को मिल सकता है यानी आने वाले दिनों में चीनी के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर नए पेराई सत्र में थोड़ा विलंब हुआ है लेकिन मिलों में उत्पादन शुरू हो चुका है।

चीनी के उत्पादन में 70 लाख टन की कमी का अनुमान 
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रेसीडेंट दिलीप वल्से पाटिल की ओर से आए बयान के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 में गन्ने का रकबा घटने के साथ-साथ उत्पादकता में कमी के चलते चीनी के उत्पादन में कमी आ सकती है। देश में चीनी का उत्पादन चालू सीजन में 260-265 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल भारत में चीनी का उत्पादन 331 लाख टन था। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल चीनी के उत्पादन में करीब 70 लाख टन की कमी आ सकती है। 

नए सत्र में 1.25 लाख टन चीनी का उत्पादन
चीनी मिलों में गन्ने की पेराई और चीनी का उत्पादन नए पेराई सत्र 2019-20 में आरंभ होने में थोड़ा विलंब हुआ लेकिन देशभर की 28 चीनी मिलें अब चालू हो गई हैं और अब तक 14.50 लाख टन गन्ने की पेराई से कुल 1.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। यह जानकारी सहकारी चीनी मिलों के संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड यानी एनएफसीएसएफ से मिली।

देश की 28 चीनी मिलों में उत्पादन शुरू
एनएफसीएसएफ ने सोमवार को एक बयान के जरिए बताया कि देशभर में 28 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई आरंभ हो चुका है अब तक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 13 चीनी मिलें चालू हो चुकी हैं। इसके बाद नौ मिलें कर्नाटक में चालू हो चुकी हैं। तमिलनाडु में छह मिलों में चीनी का उत्पादन आरंभ हो चुका है। एक अक्टूबर से आरंभ होने वाले चीनी उत्पादन एवं विपणन वर्ष में इस साल थोड़ा विलंब से गन्ने की पेराई का कार्य आरंभ हुआ है।"

jyoti choudhary

Advertising