मीठी चीनी हो सकती है कड़वी!

Thursday, Apr 27, 2017 - 04:36 PM (IST)

नई दिल्लीः जल्‍द ही आपको चीनी की बढ़ी कीमतों का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण इस साल पिछले साल के मुकाबले चीनी उत्‍पादन कम होने से डिमांड-सप्‍लाई का गैप बढ़ना है। चीनी मिलों के अनुसार इस साल चीनी उत्‍पादन सिर्फ 2 करोड़ टन हुआ है जबकि, डिमांड 2.5 करोड़ टन के आसपास है। ऐसे में चीनी की कीमतों में 3 से 4 रुपए की बढ़ौतरी की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल चीनी के रिटेल भाव 43 रुपए प्रति किलोग्राम से लेकर 45 रुपए प्रति किलोग्राम तक हैं।

2.03 करोड़ टन था पिछले साल उत्‍पादन 
इंडियन शुगर मिल्‍स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014-15 में लगभग 2.2 करोड़ टन चीनी उत्‍पादन हुआ था। इससे अगले साल 2015-16 में यह उत्‍पादन इस स्‍तर से भी नीचे लगभग 2.02 करोड़ टन रह गया था। जबकि, देश में चीनी डिमांड 2.5 करोड़ टन के आसपास रहती है, लिहाजा डिमांड-सप्‍लाई गैप बढ़ने से चीनी के दाम 37-38 रुपए से बढ़कर 40 रुपए प्रति किलोग्राम से भी उपर चले गए थे। लेकिन, इस साल यह महज 2 करोड़ रहने की संभावना है।

गन्‍ना उत्‍पादन में गिरावट
महाराष्‍ट्र में गन्‍ना उत्‍पादन बीते साल से लगभग 50 फीसदी से कम रहा। लि‍हाजा यहां उत्‍पादन भी इसी अनुपात में गिरा। मिलें भी फरवरी से ही बंद होने लगीं। हालांकि, यूपी में स्थिति पिछले साल के मुकाबले बेहतर रही और यहां चीनी उत्‍पादन पिछले साल के मुकाबले बेहतर रही और यहां चीनी उत्‍पादन पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी अधिक लगभग 86 लाख टन रहा। इसके अलावा कर्नाटक में भी पिछले साल की तुलना में चीनी उत्‍पादन 20 फीसदी कम ही रहा है।
 

Advertising