बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स कलेक्शन में 75% की बढ़ोतरी
punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 02:06 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) कलेक्शन 12 जनवरी, 2025 तक 75 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 44,538 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जबकि 2024 में इसी अवधि में यह 25,415 करोड़ रुपए था। इस वृद्धि का कारण प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प (F&O) पर STT में बढ़ोतरी है, जिसे F&O सेगमेंट में सट्टा गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए लागू किया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को पेश किए गए बजट में 1 अक्टूबर, 2024 से F&O पर STT को दोगुना करने का प्रस्ताव किया था।
STT संग्रह में वृद्धि जुलाई से लगातार जारी है और यह तब भी जारी रही जब शेयर बाजार में तेजी से उछाल आया और फिर जुलाई से दिसंबर 2024 के बीच एक बड़ा सुधार हुआ। उदाहरण के लिए, 11 जुलाई 2024 को STT 16,634 करोड़ रुपए था, जो 10 अक्टूबर 2024 को बढ़कर 30,630 करोड़ रुपए, 10 नवंबर को 35,923 करोड़ रुपए और 17 दिसंबर 2024 को 40,114 करोड़ रुपए हो गया। बीएसई सेंसेक्स जो 23 जुलाई 2024 को 80,429.04 पर था, 27 सितंबर 2024 को 85,978.25 के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और 14 जनवरी 2025 को यह 76,499.63 पर था।
STT से राजस्व में वृद्धि
STT संग्रह में यह वृद्धि ऐसे समय में हो रही है, जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने F&O सेगमेंट में वॉल्यूम में वृद्धि पर चिंता जताई है, जो व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकता है। बढ़े हुए STT संग्रह से सरकार के राजस्व में भी इजाफा हुआ है और अब तक 44,538 करोड़ रुपए का संग्रह पहले ही चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 37,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान से अधिक हो चुका है।
F&O पर बढ़ाया गया STT
प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प पर STT को क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। इससे पहले, वायदा और विकल्पों पर STT की दरें क्रमशः 0.0125 प्रतिशत और 0.0625 प्रतिशत थीं। वहीं, इक्विटी शेयरों में डिलीवरी ट्रेड्स पर STT की दर 0.1 प्रतिशत है।
SEBI द्वारा डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद, F&O में प्रीमियम टर्नओवर में गिरावट आई है। सितंबर 2024 में यह 54.38 लाख करोड़ रुपए से घटकर दिसंबर 2024 में 43.99 लाख करोड़ रुपए और जनवरी 2025 (14 जनवरी तक) में 17.47 लाख करोड़ रुपए हो गया।