इस सप्ताह नरम रह सकता है शेयर बाजार, वैश्विक संकेतों पर रहेंगी नजरें: विश्लेषक

Sunday, Jun 07, 2020 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्लीः विश्लेषकों का मानना है कि पिछले कुछ दिनों की तेजी के बाद इस सप्ताह शेयर बाजार सुस्त रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की धारणाएं मुख्य तौर पर विदेशी संकेतों से संचालित होंगी। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों की लगातार लिवाली तथा वैश्विक बाजारों की तेजी ने घरेलू बाजार को भी गति दी।

कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी सुधाकर शानबाग ने कहा , ‘‘भले ही बाजार की चाल में अभी कुछ तेजी देखी गई है, लेकिन हमें इस बात को लेकर सतर्क रहना होगा कि आने वाले कुछ सप्ताह तथा महीने में कोरोना वायरस महामारी को किस तरह नियंत्रित किया जाता है। हमें यह भी देखना होगा कि रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के उपायों समेत पूरी अर्थव्यवस्था इस बात को लेकर किस तरह से प्रतिक्रिया देती है।'' 

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने तीन महीने की बिक्री को उलटते हुए, जून के पहले पांच कारोबारी सत्रों के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में 20,814 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। इस सप्ताह अमेरिका में फेडरल रिजर्व का ब्याज दर पर निर्णय भी निवेशकों के लिये एक प्रमुख घटना होगी। 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "भू-राजनीतिक तनाव का असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ सकता है, जिसका असर हमारे ऊपर भी होगा।" इसके अलावा, इस सप्ताह पीवीआर, टाइटन, हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और एमएंडएम जैसी कंपनियां तिमाही परिणाम घोषित करने वाली हैं। इससे विशिष्ट शेयरों से संबंधित उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। पिछले सप्ताह के दौरान, बीएसई के सेंसेक्स में 1,863.14 अंक यानी 5.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि देश भर में लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाये जाने से उत्पन्न सकारात्मक धारणा ने बाजार को बल दिया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "बाजार ने पिछले कुछ दिनों में तेज बढ़त देखी है, और इस कारण अगले दौर की तेज वृद्धि से पहले बाजार कुछ सुस्ता सकता है।'' रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, "हमारे घरेलू बाजार स्थानीय मोर्चे पर किसी बड़ी सकारात्मक घटना की अनुपस्थिति में कमोबेश वैश्विक बाजारों के समतुल्य चल रहे हैं। हमें लगता है कि बैंकिंग शेयरों में अभी भी दम बाकी है, जो शेयर सूचकांक को ऊंचा चढ़ने में मदद कर सकता है। हालांकि वैश्विक स्तर पर किसी नकारात्मक घटना से इस पर असर पड़ सकता है।'' 
 

jyoti choudhary

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