मोदी सरकार के 100 दिनः संकट के दौर में शेयर बाजार, निवेशकों के डूबे 14 लाख करोड़ रुपए

Tuesday, Sep 10, 2019 - 12:59 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के शुरूआती 100 दिनों में कई मोर्चों पर सफलता गिना रही है लेकिन इस दौरान शेयर बाजार को बड़े संकट के दौर से गुजरना पड़ा है। लगातार हो रही बिकवाली से शेयर बाजार के निवेशकों को इस दौरान 14 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। कुल मिलाकर बीते 100 दिन शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद निराशाजनक साबित हुए हैं।

महज 14% शेयरों ने ही दिया मुनाफा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने तथा उसे रफ्तार देने के लिए कई घोषणाएं की लेकिन बिकवाली की आंधी में सब बेकार गया। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती चक्रीय है और यह खुद दूर होगा लेकिन इसमें वक्त लगेगा। वे निवेशकों को संयम रखने तथा सुस्ती दूर होने तक इंतजार करने की सलाह दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई को दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी, तब से लेकर अब तक बंबई स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार करने वाले महज 14 फीसदी शेयर ही मुनाफा देने में कामयाब रहे हैं।

कुल बाजार पूंजी 140 लाख करोड़ बची
बीएसई पर सक्रियतापूर्वक कारोबार करने वाले 2,664 कंपनियों में से लगभग 2,290 कंपनियों को कुल पूंजी का 96 फीसदी तक का नुकसान हुआ है। इनमें से 422 कंपनियों में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, 1,372 कंपनियों में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जबकि 1,872 कंपनियों को 10 फीसदी से अधिक का झटका लगा है। इन 100 दिनों के दौरान बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की कुल पूंजी 14.15 लाख करोड़ रुपए घटकर 140 लाख करोड़ रुपए रह गई।

सेंसेक्स-निफ्टी में 8% तक गिरावट
सेंसेक्स तथा निफ्टी में 7-8 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। सबसे ज्यादा झटका सरकारी बैंकों के शेयरों को लगा है और उनकी एक चौथाई पूंजी डूब चुकी है। निवेशक आशंकित हैं और अपना निवेश ज्यादा सुरक्षित माने जाने वाले आईटी तथा फार्मा सेक्टर्स की तरफ रुख कर रहे हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले ऑटोमोबाइल तथा बैंकिंग सेक्टर्स को झटके का सामना करना पड़ रहा है।

बुरे दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था
देश की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पांच फीसदी रही है, जो बीते छह साल का निचला स्तर है। इस दौरान अर्थव्यवस्था को सूचित करने वाले तमाम सूचकांकों की हालत खराब है। लगभग सभी सेक्टर्स में गिरावट का दौर चल रहा है।

jyoti choudhary

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