कॉरपोरेट जगत की पहल, टाटा, सेल समेत इस्पात कंपनियां कर रही ऑक्सीजन की सप्लाई

Monday, Apr 19, 2021 - 11:56 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः टाटा स्टील ने घोषणा की कि उसने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को दैनिक आधार पर 300 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। टाटा स्टील ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, हम विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को रोजाना 200-300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। हम कोरोना की रोकथाम के लिए जारी अभियान में साथ हैं और निश्चित रूप से इससे पार पांएगे।'' 

निजी क्षेत्र की जेएसपीएल ने भी कहा कि वह अपने अंगुल (ओड़िशा) और रायगढ़ (छत्तीसगढ़) स्थित कारखानों से 50 से 100 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। इससे पहले, सार्वजनिक क्षेत्र की सेल ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा था, ‘‘सेल ने अपने एकीकृत इस्पात कारखाने बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओड़िशा), दुर्गापुर और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) से कोविड मरीजों के उपचार के लिए 99.7 प्रतिशत शुद्धता वाले 33,300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।'' 

आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लि. (एएमएनएस इंडिया) ने कहा कि वह गुजरात में स्वास्थ्य केंद्रों को प्रतिदिन 200 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्पात कारखानों में 28 ऑक्सीजन संयंत्र हैं। ये संयंत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में स्थित हैं जो प्रतिदिन 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। 

रिलायंस ने की थी शुरुआत 
अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जो गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स का संचालन करती है, ने जानकारी दी थी कि रिफाइनरी ने राज्य के सामने आने वाली तीव्र कमी के कारण जामनगर से महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी हैं। इंडस्ट्रीज के प्रयासों की सराहना करते हुए स्टील मिनिस्ट्री ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से बताया, "सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के इस्पात संयंत्रों में स्थित लगभग 28 ऑक्सीजन संयंत्र प्रतिदिन लगभग 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। सुरक्षा स्टॉक सहित 30,000 टन का स्टॉक चिकित्सा उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

jyoti choudhary

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