राज्य सरकार चाहे तो 2.65 रुपए तक सस्ता हो सकता है पेट्रोल, SBI ने दी सलाह

Tuesday, May 29, 2018 - 12:30 PM (IST)

नई दिल्लीः महंगे पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राज्य सरकारों की मौज लगी हुई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से राज्य सरकारों को 2018-19 में कम 18,728 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। राज्य सरकार चाहें तो पेट्रोल के 2.65 रुपए और डीजल 2 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) की ताजा रिपोर्ट 'इकोरैप' में यह निष्कर्ष निकाला गया है। 



रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क में 1 रुपए की कमी करती है तो उसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क राजस्व में 10,725 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। राज्यों के विपरीत केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी करने से केंद्र का राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। रिपोर्ट में 19 राज्यों को मिला कर पेट्रोल-डीजल की कीमतों का विश्लेषण किया गया है। तेल 93 फीसदी खपत इन राज्यों में होती है।



रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चा तेल एक डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर इन राज्यों को अपने बजट अनुमान से 2,675 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है। यदि ये इसे छोड़ दे तो उनकी उनकी राजकोषीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 



5 दिन सस्ता रहा कच्चा तेल, फिर भी बढ़े रेट
पेट्रोल-डीजल की कीमत मंगलवार को लगातार 16वें दिन बढ़ें। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का रेट 16 पैसे की वृद्धि के साथ 78.43 रुपए हो गया। डीजल की कीमत 69.31 रुपए हो गई। 14 मई से अब तक पेट्रोल 3.80 रुपए और डीजल 3.38 रुपए महंगा हो चुका है। पहले सरकार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के चढ़ने और डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होने पर कीमतों के बढ़ने का कारण बताते थे लेकिन 5-6 दिनों से स्थिति बदलने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। ब्रैंट कच्चा तेल 23 मई को 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था, जबकि 28 मई को 75 डॉलर तक आ गया।    

jyoti choudhary

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