राज्यों का आग्रह सीएसटी क्षतिपूर्ति जारी हो

Saturday, Feb 06, 2016 - 10:52 PM (IST)

नई दिल्ली : राज्यों ने केन्द्र सरकार से केन्द्रीय विक्रय कर (सी.एस.टी.) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किए जाने के मद्देनजर होने वाले राजस्व नुकसान की भारपाई पहले से जारी करने का आग्रह करते हुए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिए भी विशेष मदद देने की मांग की है। 
 
वित्त मंत्री अरूण जेतली के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान राज्यों के वित्त मंत्रियों और उनके प्रभारियों ने ये मांग की है। बैठक में मौजूद अधिकांश राज्यों ने एकमत से केन्द्र से सी.एस.टी. क्षतिपूर्ति जारी करने का आग्रह किया और इसके लिए वर्ष 2016-17 के बजट में प्रावधान करने की मांग की। 
 
पंजाब, उत्तर प्रदेश,असम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने भी इसी तरह का आग्रह किया। पंजाब के वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा ने कहा कि वर्ष 2012-13 से बकाया सी.एस.टी. क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में पर्याप्त प्रावधान किया जाना चाहिए। 
 
उधारी सीमा बढ़ाने की अपील 
 
इसके साथ ही राज्यों ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पडऩे वाले अतिरिक्त वित्तीय भार के वहन के विशेष मदद दिए जाने और 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार उधारी सीमा बढ़ाने की अपील की। बैठक के दौरान ओडिशा के वित्तमंत्री प्रदीप कुमार ने कहा कि सी.एस.टी. को समाप्त करने से होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई की जानी चाहिए और इसके लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए।
  
राज्यों को नहीं की गई कोई क्षतिपूर्ति
 
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने सी.एस.टी. को 4 वर्ष में चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का निर्णय लिया था क्योंकि पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया था कि जी.एस.टी. लागू होने तक सी.एस.टी. समाप्त किए जाने से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई केन्द्र सरकार करेगी।
 
 वहीं वर्ष 2008 में सी.एस.टी. को 4 प्रतिशत से कम कर 2 प्रतिशत कर दिया गया लेकिन वर्ष 2012-13 से राज्यों को इसके लिए कोई क्षतिपूर्ति जारी नहीं की गई है और वे लगातार यह शिकायत कर रहे हैं कि सी.एस.टी. कम किए जाने से उन्हें नुकसान हो रहा है।
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