राज्यों के वित्त मंत्रियों ने दिया सुझाव, MRP में ही शामिल हो GST

Tuesday, Oct 31, 2017 - 01:34 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार जल्द ही जी.एस.टी. के तहत नया कदम उठा सकती है। जी.एस.टी. के तहत अधिकतम रिटेल प्राइस (एम.आर.पी.) में कितना जी.एस.टी. लिया जा रहा है इसका उल्लेख करना अनिवार्य कर सकती है। खुदरा विक्रेताओं द्वारा सामानों के एम.आर.पी. पर जी.एस.टी. लिए जाने की कुछ उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलने के मद्देनजर राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक उच्चस्तरीय समिति ने यह सुझाव दिया है।

राज्यों के वित्त मंत्रियों ने की सिफारिश
असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के उपक्रमों के लिए प्रावधान आसान करने के संबंध में जी.एस.टी. परिषद को दिए सुझाव में यह कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किसी भी वस्तु का एम.आर.पी. उसकी अधिकतम कीमत है और इससे अधिक दाम पर बेचना अपराध है। यह नियम रेस्तरां, ढाबों तथा बोतलबंद पेय जैसे डिब्बाबंद उत्पाद बेचने वाले मॉल पर अनिवार्य तौर पर लागू होना चाहिए।

समिति ने दिया यह सुझाव
समिति ने यह सुझाव दिया है कि जब कारोबारी उपभोक्ताओं को रसीद दें तो जी.एस.टी. एम.आर.पी. में ही शामिल हो। जी.एस.टी. परिषद की 10 नवंबर को गुवाहाटी में होने वाली बैठक में मंत्रियों के समूह के इस सुझाव पर विचार किया जा सकता है। समिति ने रिटर्न दायर करने में देरी पर लगने वाले शुल्क को प्रतिदिन 100 रुपए से कम कर 50 रुपए करने का भी सुझाव दिया है। उसने तिमाही के आधार पर रिटर्न दायर करने की सुविधा सभी करदाताओं को देने की भी वकालत की।

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