भारतीय स्टेट बैंक को आगे एनपीए की स्थिति में सुधार की उम्मीद

Saturday, Sep 16, 2017 - 05:20 PM (IST)

कोलकाताः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) को आने वाले दिनों में फंसे कर्ज की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।  सार्वजनिक क्षेत्र  के दूसरे बैंकों की तरह भारतीय स्टेट बैंक भी फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है।  बैंक के प्रबंध निदेशक (नेशनल बैंकिंग ग्रुप) रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘आने वाले समय में फंसे कर्ज की स्थिति नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। कोई नया कर्ज दबाव में आयेगा इसकी उम्मीद कम है।  विशेषतौर से सितंबर के बाद से हालात बेहतर होने की उम्मीद है।’’ बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उसके सकल ऋण के समक्ष 9.93 प्रतिशत रही है। यह राशि 1.90 लाख करोड़ रुपये बैठती है। 

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक बैठक से इतर कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा कि हमारी मुख्य चिंता इसके बजाय शुद्ध एनपीए को लेकर है जो इस समय  शुद्ध ऋण का 3 प्रतिशत है।  आदर्श स्थिति में शुद्ध एनपीए डेढ प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये।  उन्होंने कहा कि बैंक ऐसे कर्ज के समक्ष अधिक प्रावधान करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही बैंक की आय भी बढऩी चाहिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कर्ज के समक्ष किये जाने वाले प्रावधान का कवरेज अनुपात 60 प्रतिशत तक है।  कुल कर्ज के समक्ष एनपीए स्तर में कमी तभी आ सकती है जब कर्ज का आधार व्यापक होगा।  उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंक की रिण वृद्धि छह से सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।कुमार के अनुसार स्टेट बैंक स्वच्छ परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये हरित बांड के जरिए राशि जुटाएगा।

Advertising