स्टैप-अप ई.एम.आई. से संवारे सपने

Sunday, Apr 29, 2018 - 02:34 PM (IST)

जालंधरः शुरूआत में कम मासिक किस्त यानी इस योजना के तहत ई.एम.आई. की वसूली अलग-अलग मात्रा में की जाती है जिससे पहले कुछ साल कम ई.एम.आई. अदा करनी पड़ती है। लोन की बाकी अवधि के दौरान ई.एम.आई. को स्टैप-अप यानी इसमें इजाफा कर दिया जाता है यानी लोन की अवधि के अंतिम दौर में अधिक ई.एम.आई. अदा करनी होती है। इसका लाभ है कि शुरूआत में होम लोन की वापसी की भार कम हो जाता है। शुरूआत में ई.एम.आई. में कमी स्टैप-अप सुविधा की बदौलत ही सम्भव हो पाती है जिसके बदले में बाद में अधिक ई.एम.आई. ली जाती है।

जो लोग जल्द अपना होम लोन चुकाना चाहते हैं वे स्टैप-अप ई.एम.आई. का चुनाव कर सकते हैं। चूंकि शुरूआती किस्तों के अधिकतर हिस्से से ब्याज की अदायगी की जाती है, इस पर टैक्स में छूट अधिक समय तक ली जा सकती है। होम लोन पर ब्याज को इसकी लागत माना जाता है और टैक्स में मिलने वाली छूट से इस लागत को बोझ भी कम हो जाता है।

इस प्रकार व्यक्ति अन्य निवेश योजनाओं में अपनी बचत लगा सकता है जहां से उसे अधिक मुनाफा हो।
 

jyoti choudhary

Advertising