SC से स्पाइसजेट को मिली बड़ी राहत, कलानिधि मारन को नहीं चुकाने होंगे 243 करोड़ रुपए

Sunday, Nov 08, 2020 - 03:02 PM (IST)

नई दिल्ली: एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने नकदी संकट से जूझ रही स्पाइस जेट को कलानिधि मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरलाइंस को 243 करोड़ रुपये भुगतान करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। यह मामला दोनों पक्षों के बीच शेयर हस्तांतरण पर ब्याज के भुगतान से जुड़ा है।

चार हफ्ते के भीतर देना होगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना एवं वी. रामासुब्रहमण्यम की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी। साथ ही इस आदेश के खिलाफ स्पाइसजेट की याचिका पर कलानिधि मारन और उनकी कंपनी को नोटिस भी जारी किया। यह सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई। कंपनी और मारन को इस नोटिस पर चार हफ्ते के भीतर जवाब देना है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को 579 करोड़ रुपये पर 243 करोड़ रुपये का ब्याज जमा कराने का आदेश दिया था। दिल्ली की अदालत ने यह फैसला शेयर हस्तांतरण विवाद में एक मध्यस्थता अदालत के 2018 के आदेश के तहत यह राशि जमा कराने का आदेश दिया था।

जानें पूरा मामला
साल 2014 में कर्ज में दबी स्पाइसजेट का संचालन एक दिन के लिए बंद हो गया था। फरवरी 2015 में मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरलाइंस ने 2 रुपये में अपने 58.46% शेयर Spicejet के मौजूदा चेयरमैन अजय सिंह को ट्रांसफर किए थे। अजय सिंह ने कंपनी पर बकाया 1500 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर लेकर उसे चुकाने का अनुबंध किया था। कलानिधि मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरलाइंस ने बताया कि उन्होंने स्पाइसजेट को वारंट और प्रिफरेंस शेयर इश्यू करने के लिए 679 करोड़ रुपये चुकाए हैं।

rajesh kumar

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