बेनामी लेनदेन करने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें, SEBI करेगा सख्ती
Saturday, Oct 20, 2018 - 11:57 AM (IST)
नई दिल्लीः कीमत-संवेदी जानकारियों का लाभ उठाने के लिए ड्राइवरों या नौकरों जैसे बेनामी लोगों का इस्तेमाल करने वाले कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि बाजार नियामक सेबी जल्द ही इस संबंध में सख्ती बढ़ाएगा। दूसरों की तरफ से नाम, ट्रेडिंग अकाउंट इस्तेमाल करने या सौदे करने वाले लोगों की वित्तीय पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी। सेबी निवेशकों द्वारा अपने सत्यापित वित्तीय स्रोतों से अलग किए गए सौदों को जल्द ही धोखाधड़ी वाले सौदे घोषित कर सकता है।
सामने आए बेनामी लेनदेन के मामले
बाजार नियामक ने उन लोगों को ध्यान में रखकर 'प्रतिभूतियों में कारोबार' की परिभाषा में संशोधन करने की भी योजना बनाई है जो संदिग्ध लेनदेन में मदद करते हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वास्तविक लाभार्थियों की पहचान छिपा कर सौदे करने के लिए बेनामी इकाइयों का इस्तेमाल करने के कई मामले सामने आए हैं।
नोटबंदी के दौरान 40 अरब रुपए का हेरफेर
नोटबंदी के दौरान लगभग 40 अरब रुपए के संदिग्ध कारोबार के लिए ऐसी कई बेनामी इकाइयों का इस्तेमाल किया गया था। कुछ मामलों में, तथाकथित फ्रंट-एंटिटीज इससे भी अवगत नहीं थीं कि उनके नाम का इस्तेमाल सौदे करने और बेहिसाब संपत्ति कमाने के लिए किया गया था। ऐसे बेनामी लोगों की पृष्ठभूमि की जांच का प्रस्ताव पूर्व कानून सचिव टी के विश्वनाथन के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है। इस जांच का मकसद ऐसी बाजार प्रणालियों का पता लगाने, रोकने और नियंत्रित करना है जिनसे बाजार में धोखाधड़ी और हेरफेर को बढ़ावा मिलता हो। सेबी 'प्रोहिबिशन ऑफ फ्रॉडलेंट ऐंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज' (पीएफयूटीपी) मानकों के तहत धोखाधड़ी समझी जाने वाली गतिविधियों का दायरा बढ़ाने की भी योजना बना रहा है। इसमें शामिल होंगे - डिजिटल मीडिया पर गलत जानकारी, गैर-मध्यस्थों द्वारा संचािलत कारोबार, प्रतिभूतियों की गलत जानकारी देकर बिक्री करना, ग्राहक के खातों का गलत इस्तेमाल और ग्राहक के पैसे का गबन करना आदि।