विदेशी निवेशकों का स्वागत, पर कालेधन के लिए जगह नहीं: सेबी

Monday, May 30, 2016 - 11:45 AM (IST)

मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के और दुरुपयोग की चिंता को खारिज किया है। सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने कहा है कि भारतीय प्रतिभूतियों के आधार पर विदेशों में जारी किए जाने वाले इन निवेश-पत्रों का इस्तेमाल अब भारतीयों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से भी नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही सिन्हा ने कहा कि कालेधन को घुमाफिरा कर भारत लाने से रोकने के लिए एक ठोस सुरक्षा जाल तैयार किया गया है।   

 

सिन्हा ने कहा कि पी-नोट्स या विदेशों में निवेशकों को जारी किए जाने वाले डेरिवेटिव निवेश उत्पादों (आेडीआई) के लिए नियमनों में बदलाव से विदेशी निवशक पूरी तरह सहमत है। उनसे इस रास्ते से निवेश की रिपोर्टिंग फॉर्मेट (विवरण दाखिल करने के स्वरूप) के डिजाइन पर भी सलाह ली गई है।   

 

सेबी अपने बोर्ड द्वारा इसी महीने मंजूर किए गए बदलावों को शामिल करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए रिपोर्टिंग के तरीके तथा संशोधित दिशानिर्देशों और नए सर्कुलरों को अंतिम रूप देगा। जहां विदेशी निवेशकों को भारत में सीधे निवेश करने के लिए खुद को पंजीकृत कराना पड़ता है। 

 

पीनोट्स जैसे आेडीआई का इस्तेमाल वे विदेशी निवेशक करते हैं जो इस देश में सीधे पंजीकरण से जुडऩे में लगने वाले समय और अपनी परिचालन लागत में बचत करना चाहते हैं। सेबी के नियमों के तहत कुछ निश्चित वर्ग के एफपीआई को उचित छान-बीन की प्रक्रिया के बाद आेडीआई जारी करने की अनुमति है। अब इस प्रक्रिया को और अधिक कड़ा किया गया है क्योंकि काले धन पर विशेष जांच दल ने इस पर चिंता जताई थी। 

Advertising