लीला की बिक्री रोकने को आईटीसी पहुंची एनसीएलटी, सुनवाई 18 जून को

Wednesday, Apr 24, 2019 - 05:37 PM (IST)

मुंबईः राष्ट्रीय कम्पनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने होटल लीलावेंचर एवं उसे कर्ज देने वाले जीएम फाइनेंशियल एआरसी को नोटिस जारी कर होटल और अन्य कारोबार में लगी आईटीसी की याचिका पर जवाब देने को कहा है। लीलावेंचर में आईटीसी अल्पांश शेयरधारक है। उसने अपनी अर्जी में प्रबंधन से जुड़े मामलों पर निर्णय के लिए न्यूनतम 10 प्रतिशत शेयर की शर्त से छूट दिए जाने का आग्रह किया है। 

हालांकि, एनसीएलटी होटल समूह आईटीसी की याचिका को सुनवाई के लिए दाखिल करना चाहती थी लेकिन प्रक्रिया संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए न्यायाधिकरण ने ऐसा नहीं किया और तय किया कि इस पर 18 जून को विचार किया जाएगा। लीला में आईटीसी की हिस्सेदारी 7.92 प्रतिशत है। 

उल्लेखनीय है कि कंपनी कानून, 2013 की धारा 241 के तहत किसी इकाई की प्रबंध में गिनती के लिए उसके पास न्यूनतम 10 प्रतिशत साझेदारी की सीमा तय की गई है। वर्ष 2016 में टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने भी कुछ इसी तरह की याचिका दाखिल की थी लेकिन मुंबई स्थित न्यायाधिकरण ने उसे खारिज कर दिया था। 

आईटीसी चाहती है कि उसे लीला होटल के होटल प्रबंधन और उसको कर्जदेने वाली कंपनी जेएम फाइनेंशियल एआरसी के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन के आरोप में याचिका दायर करने के लिए उसे 10 प्रतिशत की न्यूनतम हिस्सेदारी की अनिवार्यता से छूट चाहती है। इसके अलावा वह होटल श्रृंखला की बिक्री रोकने के लिए भी इस अनिवार्यता से छूट चाहती है। लालावेंचर के होटलों को कनाडा की ब्रुकफील्ड कंपनी को 3,950 करोड़ रुपए में बिक्री की घोषणा मार्च में की गई थी।

गौरतलब है कि जेएम फाइनेंशियल ने 2017 में बैंकों से होटल लीला पर बकाया कर्जों को खरीद लिया था। बाद में कर्ज को शेयर में बदल कर उसने होटल लीला की 26 प्रतिशत शेयरधारिता प्राप्त कर ली। इस प्रक्रिया में होटल लीला में आईअीसी का हिस्सा 10 प्रतिशत से नीचे आ गया। जेएम फाइनेंशियल एआरसी ने मुंबई की होटल कंपनी लीला के खिलाफ दिवाला कानून के तहत अर्जी लगाई। 
 

jyoti choudhary

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