सेबी ने मल्टीकैप फंड ढांचे में बदलाव किया, शेयरों में करना होगा कम से कम 75% निवेश

Saturday, Sep 12, 2020 - 12:27 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मल्टीकैप म्यूचुअल फंड के लिए संपत्ति आवंटन नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत ऐसे कोषों को अपने कोष का कम से कम 75 प्रतिशत शेयरों में निवेश करना जरूरी होगी। अभी यह सीमा 65 प्रतिशत है। सेबी के शुक्रवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि इसके अलावा इस तरह के कोषों को बड़ी, मध्यम और छोटी बाजार पूजी वाली कंपनियों के शेयर और संबंधित प्रतिभूतियों में प्रत्येक में कम से कम 25 प्रतिशत का निवेश करना होगा। 

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपए बड़ी बाजार पूंजी वाली कंपनियों के शेयरों से निकल मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में चली जाएंगी। नियामक ने कहा कि सभी मल्टीकैप फंड को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा शेयरों की अगली सूची प्रकाशित होने की तारीख से एक माह के भीतर इन प्रावधानों का अनुपालन पूरा होगा। यह तारीख जनवरी, 2021 है। 

सेबी ने कहा कि मल्टीकैप कोषों के निवेश को लार्ज, मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में विविधीकृत करने के उद्देश्य से मल्टीकैप फंड योजना में कुछ संशोधन किया गया है। अभी मल्टीकैप फंड को अपनी कुल परिसंपत्तियों का 65 प्रतिशत शेयर और संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश करना होता है। इसके अलावा अभी इन फंड के लार्ज, मिड या स्लॉकैप में निवेश को लेकर किसी तरह का अंकुश नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वजह से ऐसे मल्टीकैप फंड लार्जकैप में ऊंचा आवंटन करते है। शेष निवेश वे मध्यम और लघु श्रेणी की बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में करते हैं।
 

jyoti choudhary

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