'मुखौटा कंपनियों' को सेबी का नोटिस, बॉलीवुड कंपनियां और बिल्डर भी जांच घेरे में

Sunday, Aug 13, 2017 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने काला धन मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। इस मामले में बिल्डर, ब्रोकर और फिल्म क्षेत्र से जुड़ी इकाइयां भी जांच के घेरे में आई हैं। अवैध धन को वैध बनाने में विभिन्न इकाइयों की भूमिका का पता लगाने के लिए कई जांच एजैंसियां सैकड़ों संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की जांच में जुटी हैं। नियामक तथा सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन 331 सूचीबद्ध इकाइयों को कारण बताओ नोटिस दिया है जिन पर मुखौटा कंपनियों के रूप में धन के लेन देन का काम करने का संदेह है। इसके अलावा 100 गैर-सूचीबद्ध इकाइयों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है जिन पर अवैध धन को सफेद बनाने के लिये शेयरों में काम करने का संदेह है।

मुखौटा कंपनियों के कारोबार पर पाबंदी
सेबी ने संदिग्ध मुखौटा कंपनियों के शेयरों में कारोबार पर पाबंदी का निर्णय किया, लेकिन कुछ कंपनियों ने इस मामले को प्रतिभूति एवं अपीलीय न्यायाधिकण (सैट) में चुनौती दी। इनमें से कई कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर किसी प्रकार की गड़बड़ी से इनकार किया और जोर देकर कहा कि वे मुखौटा कंपनियां नहीं हैं।

ब्रोकरों के घेरे में आने से शेयर बाजार में हड़कंप
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मुखौटा कंपनियों की श्रेणी में रखे जाने से गलत धारणा बनी है कि कुछ बड़ी कंपनियां भी मनी लांड्रिंग तथा अवैध धन को वैध बनाने के लिए मंच उपलब्ध कराकर मुखौटा कंपनी के रूप में काम कर सकती हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कई छोटे ब्रोकर संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की सूची में है। उनके बड़े ब्रोकरेज समूह से जुड़ाव की जांच सेबी कर रहा है। कुछ ब्रोकरों की भूमिका जांच के घेरे में आने से शेयर बाजार में अफरा-तफरी जैसी स्थिति है।

कई इकाइयों की चल रहा जांच
अधिकारियों ने आधिकारिक दस्तावेज तथा शुरूआती जांच में प्राप्त तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि करीब 500 इकाइयों (सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध) की जांच की जा रही है लेकिन उनमें से कुछ के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसका कारण मामले की संवेनशीलता और जांच प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना है। बड़ी संख्या में जिन कंपनियों ने मुखौटा कंपनियों के रूप में काम किया, वे जमीन-जायदाद, जिंस और शेयर ब्रोकिंग, फिल्म और टेलीविजन, प्लांटेंशन और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं से संबद्ध इकाइयों से जुड़ी हैं। संदिग्ध कंपनियों से इन संपर्कों और सभी संदिग्ध लेन-देन के बारे में बताने को कहा गया है।   

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