एयरसेल-मैक्सिस केस: SC ने CBI से कहा- 2 मई तक सौंपे पी. चिदंबरम पर जांच रिपोर्ट
Monday, Apr 03, 2017 - 02:24 PM (IST)
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सी.बी.आई. से कहा है कि वह एयरसेल-मैक्सिस केस में पी. चिदंबरम पर लगे आरोपों के संबंध में 2 मई तक रिपोर्ट सौंपे। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने इस पूरे केस की भी जांच रिपोर्ट 2 मई तक फाइल करने के आदेश दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने सोमवार को शीर्ष कोर्ट में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) उल्लंघन में चिंदबरम की कथित रोल पर स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है।
क्या है मामला?
- एयरसेल-मैक्सिस डील में दयानिधि मारन पर आरोप था कि उन्होंने 2006 में सी शिवशंकरन पर एयरसेल और मैक्सिस की अपनी हिस्सेदारी उनकी कंपनियों को बेचने के लिए दबाव डाला था। यह हिस्सेदारी सन डायरेक्ट को बेचने की बात सामने आई थी, जिसके मालिक दयानिधि मारन थे।
- 2006 में मलेशियाई कंपनी मैक्सिस कम्युनिकेशंस ने एयरसेल में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। मई 2011 में एयरसेल के फाउंडर शिवशंकरन ने सी.बी.आई. को दी शिकायत में कहा था कि उन्हें अपनी हिस्सेदारी मैक्सिस को बेचने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
- इसके बाद अक्तूबर 2011 में सी.बी.आई. ने मारन बंधुओ, मैक्सिस के ओनर कृष्णन और अन्य के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की थी। इसमें दायनिधि के घर में छापेमारी की गई थी।
- स्वामी ने दावा किया यह डील करीब 3500 करोड़ रुपए की थी। इसके लिए एफ.आई.पी.बी. मंजूरी तत्कालीन वित्त मंत्री ने दी जबकि इसके 600 करोड़ रुपए की सीमा से काफी ऊंचा होने के नाते इसे आर्थिक मामलों की समिति को मंजूरी के लिए भेजा जाना चाहिए था।
- 2 फरवरी 2017 को एक स्पेशल सी.बी.आई. कोर्ट ने पूर्व टैलीकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन और उनके इंडस्ट्रियलिस्ट भाई कलानिधि मारन और अन्य को एयरसेल-मैक्सिस डील से संबंधित सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था। इन सभी के खिलाफ सी.बी.आई. और ई.डी. ने आरोप पत्र दाखिल किया था।