निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सुपरटेक जमा कराएं 10 करोड़ रुपएः SC

Tuesday, Aug 15, 2017 - 11:51 AM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक को निवेशकों का पैसा वापस करने के लिए 10 करोड़ रुपए जमा करने के आज निर्देश दिए। इस राशि का इस्तेमाल नोएडा में बन रही एमेराल्ड टावर्स परियोजना में बने रहने को अनिच्छुक उपभोक्ताओं का पैसा लौटाने में किया जाएगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खनविलकर की खंडपीठ ने सुपरटेक को कहा कि वह 22 सितंबर तक शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए जमा करे। खंडपीठ ने कंपनी के वकील सलमान खुर्शीद के राशि कम करने के अनुरोध को खारिज कर दिया।

क्या कहा खंडपीठ ने
खंडपीठ ने कहा कि यह जमा राशि निवेशकों को समानुपातिक आधार पर लौटाई जाएगी। पीठ ने कहा, ‘‘ये लोग कितने मामले दर्ज कराएंगे? इन्होंने एक घर पाने के लिए अपना जीवन और अपनी कमाई खर्च कर दी है।’’ सुनवाई के दौरान कंपनी की तरफ से खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमने निवेशकों को पहले ही 107 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं। 10 करोड़ रुपए और जमा करना बहुत अधिक हो जाएगा।’’ जमा कराए जाने वाली राशि कम करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसी कंपनी है जिसने परियोजनाओं को समय पर पूरा किया है। पिछले साल और इस साल भी हजारों फ्लैट लोगों को दिए गए हैं।’’ इस पर खंडपीठ ने कहा, ‘‘आपका निर्माण हो सकता है पूरा हो गया हो पर नियमों का उल्लंघन हुआ होगा। ये लोग इसी कारण परियोजना में बने नहीं रहना चाहते हैं।’’ खंडपीठ ने आगे कहा, ‘‘आप पहले पैसे जमा करिए, फिर हम देखेंगे कि क्या किया जाना चाहिए।’’

सबसे पहले वापिस किया जाएगा मूल धन
न्यायालय ने कहा कि सबसे पहले निवेशकों का मूल धन वापस किया जाएगा और उसके बाद ब्याज तथा मुआवजे की राशि का निर्धारण होगा। शीर्ष अदालत ने इससे पहले कहा था कि नोएडा में बन रहे दोनों 40 मंजिला रिहाइशी इमारत बिना पर्याप्त नियमन के किया गया है और इन्हें गिरा दी जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल 2014 को दोनों इमारतों एपेक्स और सेयान को गिराने तथा निवेशकों का पैसा 14 प्रतिशत ब्याज के साथ तीन महीने के भीतर लौटाने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। अभी इसी की सुनवाई चल रही है। 

Advertising