SBI करेगा 10% कर्मचारियों की छंटनी, जानें क्यों?

Monday, Mar 27, 2017 - 05:13 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) 6 सहयोगी बैंकों के विलय के बाद करीब 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगा। एस.बी.आई. के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, “समय के साथ साथ कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखने को मिलेगी। आने वाले 2 वर्षों में करीब 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की संभावना है।”

क्यों की जाएगी छटनी
रजनीश कुमार के मुताबिक, डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस विलय के बाद उसके पास कार्यबल की अधिकता हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ कार्यबल में कमी की जाएगी। बैंक के मुताबिक, कंपनी ने स्व-सेवानिवृत्ति की पेशकश भी दी है। इसके अलावा स्वाभाविक छंटनी भी होगी और हर साल हम नौकरी छोड़ने वालों, सेवानिवृत्त होने वालों या स्व-सेवानिवृत्ति लेने वालों की भरपाई नहीं करेंगे। डिजिटलीकरण के चलते भी कार्यबल में कटौती की जाएगी।

विलय के बाद कर्मचारियों की संख्या में होगा इजाफा
मौजूदा समय में एस.बी.आई. में करीब 207,000 कर्मचारी हैं। आपको बता दें कि 6 सहयोगी बैंकों- बीकानेर एवं जयपुर स्टेट बैंक, मैसूर स्टेट बैंक, त्रावणकोर स्टेट बैंक, पटियाला स्टेट बैंक, हैदराबाद स्टेट बैंक और भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद संख्या में 70,000 कर्मचारियों का इजाफा होगा। कुमार ने बताया कि मर्जर के बाद कर्मचारियों की संख्या 2,77,000 हो जाएगी। यह आंकड़ा मार्च 2019 तक घटकर 2,60,000 होने की संभावना है। तो यह 10 फीसदी से भी कम रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भूमिका में बदलाव के साथ कर्मचारियों की संख्या में कुछ कटौती होगी, लेकिन कटौती करना एक विकल्प नहीं है।

वेकेंसी में होगी 50 फीसदी कमी
बैंक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति रुकेगी नहीं लेकिन इसमें 50 फीसदी की कमी की जाएगी। अब एस.बी.आई. हर साल सिर्फ वेकेंसी निकालेगा। रजनीश ने कहा, 'हम नई वेकेंसी को रोकेंगे नहीं, क्योंकि इससे निचले स्तर पर अंतराल पैदा होता है लेकिन हर वेकेंसी को भरने की जरूरत नहीं होगी। अगर एक साल में 13 हजार कर्मचारी रिटायर होते हैं, तो हम उसी अनुपात में सिर्फ 50 प्रतिशत वेकेंसी निकालेंगे।

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