SBI का ग्राहकों को बड़ा तोहफा, मिन‍िमम बैलेंस चार्ज 75% तक घटा

Tuesday, Mar 13, 2018 - 12:54 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े बैंक एस.बी.आई. ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बैंक ने अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने की स्थिति में ली जाने वाली पेनाल्टी की राशि में 75 फीसदी तक की कटौती कर दी है। ऐसे में अब किसी भी कस्टमर को 15 रुपए से ज्यादा पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। अभी तक यह अधिकतम 50 रुपए था। बैंक कस्टमर को घटी हुई पेनल्टी का फायदा एक अप्रैल से मिलेगा। एस.बी.आई. के इस फैसले से बैंक के करीब 25 करोड़ उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

किसे कितनी राहत?
मेट्रो और शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर चार्ज 50 रुपए से घटाकर 15 रुपए कर दिया गया है। छोटे शहरों में चार्ज को 40 रुपए से घटाकर 12 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर अब 40 रुपए के बदले 10 रुपए ही चार्ज लगेगा। इन चार्ज में जी.एस.टी. अलग से लगेगा।
 

मेट्रो और शहरी  ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 3000 रु) नई पेनल्टी मौजूदा पेनल्टी
50% तक बैलेंस कम होने पर 10 रु 30 रु
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर 12 रु 40 रु
75% से ज्यादा बैलेंस कम होने पर 15 रु 50 रु
अर्द्ध शहरी  ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 2000 रु)    
50% तक बैलेंस कम होने पर 7.50 रु 20 रु
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर 10 रु 30 रु
75% से ज्यादा बैलेंस कम होने पर 12 रु 40 रु
ग्रामीण ब्रांच में (मासिक औसत बैंलेंस 1000 रु)    
50% तक बैलेंस कम होने पर 5 रु 20 रु
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर 7.5 रु 30 रु
50% से ज्यादा और 75% तक बैलेंस कम होने पर 10 रु 40 रु

 

बचत खाते में कितनी रकम रखना जरूरी? 
अगर आपका बचत खाता महानगर के किसी शाखा में है तो आपको 3,000 रुपए का ऐवरेज बैलेंस मेंटेन करना होगा, जो सितंबर 2017 से पहले 5,000 रुपए था। अभी शहरी इलाके की शाखाओं वाले बचत खातों में भी 3,000 रुपए का ऐवरेज बैलेंस रखना होगा जबकि कस्बाई या ग्रामीण इलाके के खातों के लिए यह रकम क्रमशः 2,000 रुपए और 1,000 रुपए तय है। 

क्यों उठाया यह कदम?
बैंक के रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि हमारे ग्राहकों की भावना और उनके फीडबैक को लेने के बाद हमने ये कदम उठाया है। उनके मुताबिक बैंक अपने ग्राहकों के हितों का ध्यान पहले रखता है।

 

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