SBI की रिपोर्ट में दावा, जनधन योजना अकाउंट बढ़ने से अपराधों में आई कमी

Tuesday, Nov 09, 2021 - 01:11 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के बैंकों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के अकाउंट बढ़ने से अपराधों में कमी आई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि जिन राज्यों में अधिक जनधन खाते खोले गए हैं, वहां अपराध दर और शराब और तंबाकू उत्पादों जैसे नशीले पदार्थों की खपत में कमी आई है। वहीं, बैंकों ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खाताधारकों को मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर देने वाले 31.67 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किए हैं।

एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमानित परिणाम बताते हैं कि PMJDY खातों की संख्या में बढ़ोतरी और इन खातों में बैलेंस रकम से अपराध में गिरावट आई है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब फाइनेंशियल इंक्लूजन मेट्रिक्स में चीन से आगे है। हालांकि, नॉन-ब्रांच बीसी (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट) मॉडल को सुदृढ़ करना महत्वपूर्ण है। इसने बताया कि हालांकि पीएसबी ने वित्तीय समावेशन में अग्रणी भूमिका निभाई है। वे अब इंटरचेंज फीस के नेट भुगतानकर्ता हैं क्योंकि सभी बैंकों द्वारा प्रदान किए गए बुनियादी ढांचे में कोई समान अवसर नहीं है।

जनधन खाते में अपराध में आई कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जन धन-आधार-मोबाइल ट्रिनिटी के कारण हो सकता है, जिसने सरकारी सब्सिडी को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने में मदद की है और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब और तंबाकू जैसे अनुत्पादक खर्चों को रोकने में मदद की है।

खोले गए 43 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया कि अगस्त 2014 में यह योजना शुरू होने के बाद से अब तक 43.76 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं। मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने एक ट्वीट में कहा, प्रत्येक वयस्क नागरिक को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू इस अभियान में 21 अक्टूबर, 2021 तक जन-धन खाताधारकों को मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर देने वाले 31.67 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

2 लाख रुपए का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जन-धन योजना शुरू करने की घोषणा की थी और उसके कुछ दिनों बाद ही इसे लागू कर दिया गया था। वर्ष 2018 में सरकार ने बढ़ी हुई सुविधाओं वाली जन-धन योजना 2.0 शुरू की थी जिसमें ‘हरेक परिवार’ के बजाय ‘हरेक वयस्क नागरिक’ को बैंकिंग दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया। रुपे डेबिट कार्ड पर दिए जाने मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर को भी दोगुना कर 2 लाख रुपए कर दिया गया था। मार्च, 2015 के अंत में इस योजना के तहत खुले खातों की संख्या 14.72 करोड़ थी, जो अक्टूबर, 2021 में बढ़कर 43.76 करोड़ हो गई। करीब 55 फीसदी खाताधारक महिलाएं हैं।
 

jyoti choudhary

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