SBI चेयरमैन ने किया PNB का बचाव, कहा- प्राइवेट सेक्टर की वजह से बैड लोन का संकट

Tuesday, Feb 27, 2018 - 12:26 PM (IST)

मुंबईः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स के पालन का दावा करता है लेकिन लोन डिफॉल्ट और बैंकरप्सी केस से यह खोखला साबित हुआ है। सोमवार को एक इंटरव्यू में कुमार ने सरकारी बैंकों का बचाव करते हुए यह बात कही।

सरकारी बैंकों के आलोचकों को जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि बैड लोन और खराब कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स के सारे मामले प्राइवेट कंपनियों से जुड़े हैं, जबकि सरकारी कंपनियों का गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स काफी अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘अगर प्राइवेट सेक्टर अच्छे कॉरपोरेट गवर्नेंस का पालन करता है तो मुझे बताइए कि आज कौन सी सरकारी कंपनी एनसीएलटी में है? दिवालिया अदालत में जो भी मामले चल रहे हैं, वे प्राइवेट कंपनियों से जुड़े हैं।’ 

कुमार ने बताया, ‘वे (प्राइवेट कंपनियां) डिफॉल्ट करते हैं और इंडस्ट्री असोसिएशंस में उच्च पदों पर उनका कब्जा होता है। आज की हकीकत यही है। इसलिए अगर कोई सलाह दे रहा है तो उसे पहले सच का पता लगाना चाहिए। आखिर ये डिफॉल्टर्स क्यों अगली कतार में बैठे हुए हैं और बैंक पिछली कतार में?’ पी.एन.बी. के साथ 11,400 करोड़ रुपए के फ्रॉड के बाद सरकारी बैंकों के निजीकरण की मांग तेज हुई है। अरबपति और कोटक महिंद्रा बैंक के एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन उदय कोटक ने कहा था कि देश में इतने ज्यादा सरकारी बैंकों की जरूरत नहीं है। 

कुमार ने कहा, "देश में एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक अजेंडा है, जिसे सिर्फ सरकारी बैंक पूरा कर रहे हैं। क्या किसी ने यह पूछा कि देश के दूरदराज और मुश्किल क्षेत्रों में कौन ब्रांच खोलेगा, जहां ब्रांच तक पहुंचने के लिए 12 घंटे तक पैदल चलना पड़ता है?"  कुमार ने कहा, "मुझे यकीन है कि पी.एन.बी. ऐसा कुछ भी नहीं करेगा, जिससे भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा कम हो।"  
 

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