FD के रिटर्न पर टैक्स से बचाते हैं 2 फार्म

Saturday, Apr 07, 2018 - 09:11 AM (IST)

नई दिल्लीः नए वित्त वर्ष में कुछ अहम बातें आपके हजारों रुपए की बचत कर सकती हैं। इसी में एक फिक्सड डिपाजिट (एफ.डी.) के रिटर्न पर टी.डी.एस. का मुद्दा है। अगर आपकी एफ.डी. पर सालाना रिटर्न 10,000 रुपए से ज्यादा बनती है तो बैंक से तुरंत संपर्क साधना समझदारी है। अगर आप टैक्स छूट के पात्र हैं तो 15जी या 15एच फार्म भरकर अपने बैंक से रिटर्न पर टी.डी.एस. न काटने का आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास पैन कार्ड होना भी जरूरी है। कुछ बैंक ऑनलाइन इन फार्मों को भरने की सुविधा भी देते हैं।

नया वित्त वर्ष शुरू होने के बाद जितनी जल्दी ये फार्म भरेंगे उतना बेहतर होगा। एस.बी.आई. ने अपने ग्राहकों को सोशल मीडिया के जरिए सूचित किया है कि वे सावधि जमा पर टी.डी.एस. से बचने के लिए फार्म 15जी या 15एच भरें। अगर आप इसके पात्र हैं। नई एफ.डी. शुरू करने या उसकी परिपक्वता के समय भी आपको यह फार्म भरना होता है। हालांकि अगर आपकी सालाना आय कर के दायरे में आती है तो टी.डी.एस. कटना तय है। इस बारे में आप अपने चार्टर्ड अकाऊंटैंट या किसी कर विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं।

15जी के लिए जरूरी शर्तें
-व्यक्तिगत या हिन्दू अविभाजित परिवार से 
-भारतीय निवासी
-60 वर्ष से कम उम्र के 
-आपकी कुल आय पर करदेयता शून्य हो 
-पिछले वित्त वर्ष में आय 2.5 लाख से कम हो।

15 एच के लिए जरूरी योग्यता
-व्यक्तिगत मामले में 
-भारतीय निवासी हो 
-60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के हों
-कुल आय पर कर देनदारी न बनती हो।

सभी खातों के धन की गणना
अगर टर्म डिपाजिट पर किसी साल में ब्याज 10,000 रुपए से ज्यादा होता है तो आयकर नियमों के मुताबिक बैंकों के लिए टी.डी.एस. काटना जरूरी है। दस हजार रुपए की सीमा की गणना आपके नाम सभी बैंक खातों में जमा एफ.डी. से की जाएगी।

Supreet Kaur

Advertising