GST और नोटबंदी से प्रभावित हुई पतंजलि की बिक्रीः बालकृष्ण

Friday, May 18, 2018 - 11:43 AM (IST)

नई दिल्लीः पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड तेजी से ऊंचाइयों की ओर पहुंच रही है और अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को पीछे छोड़ रही है। हालांकि पतंजिल की सेल में 31 मार्च को समाप्त वर्ष के दौरान थोड़ा बदलाव ही आया है। पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के अनुसार वित्त वर्ष के खत्म होने पर कंपनी के राजस्व में कोई बदलाव नहीं आया।

GST से प्रभावित हुई ग्रोथ
योग गुरु से बिजनैसमेन बने बाबा रामदेव ने 2017 को कहा था कि पतंजलि मार्च 2018 को समाप्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार करने के लिए हर साल दोहरा राजस्व हासिल रखेगी। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि अगले वर्ष बेहतर प्रदर्शन करेगी हालांकि नोटबंदी और माल और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन से कंपनी की ग्रोथ प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने बुनियादी ढांचे और सप्लाई चेन के बढ़ाने के लिए निवेश किया है। इस वर्ष हमने सिर्फ राजस्व वृद्धि पर ही नहीं सिस्टम के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया है। पतंजलि ने 31 मार्च 2017 को समाप्त वर्ष के दौरान 10,561 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया था, जो पिछले वर्ष से 5,000 करोड़ रुपए दोगुना था।

क्यों कम हो रही कंपनी की सेल
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी ने पैकेज्ड सामान बनाने वाली कंपनियों को प्रभावित किया है। कुछ का कहना है कि शहरी इलाकों में पतंजलि के उपभोक्ता गुणवत्ता के मुद्दों के कारण अन्य ब्रांडों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इसके अलावा पतंजलि बहुत तेजी से अपना विस्तार कर रही है लेकिन कंपनी की वितरण और सप्लाई चेन इतने बड़े बाजार को संभालने में कुशल नहीं मानी जा रही। साथ ही कंपनी में कोई नवोन्मेष नहीं हुआ है।

Supreet Kaur

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