सहारा को भरोसा, जल्द वित्तीय संकट से बाहर निकल आएगा समूह

Monday, Jul 02, 2018 - 11:19 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कानूनी विवाद में फंसे सहारा समूह ने दावा किया है कि वह लंबे समय से चल रहे वित्तीय संकट से अगले वित्त वर्ष तक बाहर निकल आएगा। समूह ने कहा है कि वह कई नए क्षेत्रों में व्यावसाय शुरू कर एक बार फिर से प्रमुख भारतीय उद्योग समूह का दर्जा हासिल कर लेगा।

सहारा समूह ने अपनी वित्तीय स्थिति पर समाचार पत्रों में जारी एक विस्तृत विज्ञापन के माध्यम से कहा है कि उसने पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा करा दी है। समूह ने कहा कि इस राशि पर मिलने वाला ब्याज भी नियामक के पास बिना किसी इस्तेमाल के पड़ा हुआ है जबकि पिछले पांच वर्षों में इसमें से निवेशकों को महज 91 करोड़ रुपए ही दिए गए। इसकी वजह यह भी हो सकती है कि कंपनी पहले ही अपने ज्यादातर निवेशकों को भुगतान कर चुकी है। समूह ने कहा है, उसे भरोसा है कि निवेशकों के पुनर्भुगतान से संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के बाद सेबी-सहारा खाते में पड़ा पैसा उसे वापस मिल जाएगा।

सहारा ने कहा कि उसे अपने उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य को लेकर पूरा भरोसा है। समूह का कहना है उसपर किसी भी तरीके से राशि जुटाने पर प्रतिबंध लगा है। उसकी संपत्तियों की बिक्री से मिलने वाला धन सीधे सेबी-सहारा खाते में चला जाता है। इसमें से एक भी रूपया समूह की जरूरतों के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका। इस रोक की वजह से समूह ने कई हजारों करोड़ रुपए कमाने के कारोबारी अवसर गंवाए हैं। समूह का कहना है कि उसके नकदी प्रवाह को 15 हजार करोड़ रुपए का नुकसान सहना पड़ा क्योंकि उसे 2012 में महज पांच-छह महीने के भीतर ही निवेशकों को करीब 22 हजार करोड़ रुपए वापस करने पड़े। हालांकि, मूल वित्तीय योजनाओं के मुताबिक इसका 16-17 साल में छोटी छोटी राशियों में भुगतान किया जाना था। हालांकि, समूह ने इस बात को लेकर भरोसा जाहिर किया कि वह 2019-20 तक एक बार फिर भारत का प्रमुख उद्योग समूह बन जाएगा क्योंकि उसकी संपत्ति अभी भी उसकी कुल देनदारियों के मुकाबले तीन गुना है।       

Supreet Kaur

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